लखनऊ:शहर के कल्ली पश्चिम पुलिस लाइन में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत एनीमिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया. इसमें सैकड़ों की तादाद में महिला पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम सीमा मोदी पत्नी महेंद्र मोदी (पुलिस महानिदेशक सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में चलाया गया.
सामान्यत: शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया कहा जाता है. परंतु वास्तव में खून में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को एनीमिया कहते हैं. सृजन शक्ति वेलफेयर सोसाइटी झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश में सामाजिक कार्य, रंगमंच और विविध सांस्कृतिक कार्यों से जुड़ी है. इसकी महासचिव सीमा मोदी जो लगातार सामाजिक कार्यों के तहत एनीमिया के खिलाफ स्कूल, कॉलेज और गावों में लड़कियों और महिलाओं के लिए जागरूकता अभियान चलाती हैं.
कोरोना काल के बाद इस अभियान को आगे दिशा देते हुए वह पुलिस की ट्रेनिंग कर रही महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. एनीमिया के कारण, निदान और पीरियड्स संबंधित बातों को समझाया. सीमा मोदी ने बताया कि एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, लेकिन समय से जागरूक नहीं हुए तो कई बीमारियों का कारण जरूर बन जाते हैं. पूरे विश्व में 60 प्रतिशत महिलाएं और भारत में 70-80 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया रोग से ग्रसित हैं.
इस कार्यक्रम में गायनो डॉ. नूपुर ने बताया कि हीमोग्लोबिन मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का मुख्य भाग होता है. यह हीमोग्लोबिन फेफड़ों में प्राप्त हुई आक्सीजन को सोख कर रक्त के माध्यम से सारे शरीर में पहुंचता है. हीमोग्लोबिन की कमी होने पर शरीर के विभिन्न अंगों जैसे- हृदय, मतिष्क, किडनी लिबर, मांसपेशियों सभी को आक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है. परिणाम स्वरुप इन सभी अंगों की कार्य कुशलता प्रभावित हो जाती है और धीरे-धीरे यह अंग शिथिल पड़ने लगते हैं.