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गन्ना मंत्री सुरेश राणा से ETV BHARAT की खास बातचीत - सुरेश राणा

उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए योगी सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. साथ ही कहा कि योगी सरकार से किसान पूरी तरह से संतुष्ट है.

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गन्ना मंत्री से ETV BHARAT की खास बातचीत.

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Published : Dec 11, 2019, 4:58 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार में गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक काम किए गए हैं. गन्ना किसान संतुष्ट हैं और जो उनकी समस्याएं हैं, या उनकी मांगे हैं, उस पर बातचीत कर दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

गन्ना मंत्री से ETV BHARAT की खास बातचीत.

किसानों को गन्ना मंत्री से खास बातचीत
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि गन्ना किसान मोदी और योगी सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. उत्तर प्रदेश में हम लोग सरकार में आए तो गन्ने का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर था, जो आज गन्ना किसानों ने बढ़ाकर संतुष्टि के आधार पर 28 लाख हेक्टेयर कर दिया है. किसी फसल का क्षेत्रफल बढ़ जाए तो यह इस ओर इशारा करता है कि किसान संतुष्ट है. यदि किसान संतुष्ट न होता तो गन्ने का क्षेत्रफल ही न बढ़ता. 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश के अंदर बढ़ा है. साथ ही साथ सात-आठ साल से जो बकाया भुगतान किसानों का था, वह पिछली सरकारों ने हमें तोहफे में दिया था, जिसे समाप्त कर सात-आठ सालों का भुगतान हमने किया है.

गन्ना किसानों का समय से किया गया भुगतान
77 हजार करोड़ गन्ना किसानों का भुगतान किया गया है. कई राज्यों का तो कुल बजट 70,000 करोड़ का होता है. 40 लाख रजिस्टर्ड गन्ना किसानों 70 हजार करोड़ का भुगतान किया गया है. यह ऐतिहासिक काम हमारी सरकार ने किया है. 55 सौ करोड़ रुपये का पैकेज किसानों को दिया गया. तमाम सारे अन्य पैकेज गन्ना किसानों को केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए हैं.

किसानों के हित में हुए ऐतिहासिक काम
किसानों के हित में आजादी के बाद कोई सरकार इतना बड़ा फैसला नहीं ले पाई होगी, जितना लाभकारी और ऐतिहासिक फैसले योगी सरकार ने लिया है. जो चीनी मिले बंद हो गई थी, उन्हें भी हमें शुरू करने का काम किया है. 2007 से 2012 तक 19 चीनी मिलें बंद हुई थीं. हमने उत्तर प्रदेश में तमाम चीनी मिलों को चलाने का काम किया है. डेढ़ दर्जन से अधिक शुगर मिलें 30 महीने की सरकार में हमने चलाई हैं. पहले की सरकारें मिलों को बंद करने का काम करती थी, जबकि हमारी सरकार ने मिलों को चालू करने का काम किया है. हमारी सरकार ने आज किसानों के चेहरे पर खुशी लाने का काम किया है. वह अलग बात है किसान धरना प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं, यह मेरी समझ में भी नहीं आ रहा है.

किसान यूनियन और गन्ना किसानों से करेंगे बात
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि हम किसान यूनियन के लोगों से बात करेंगे. किसानों से बातचीत करेंगे, क्योंकि किसान भी जानते हैं कि गन्ने की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम उत्तर प्रदेश की सरकार ने किया है. राजनीतिक आधार पर गन्ने के भाव को तुरंत बढ़ा देना और भुगतान न करना और किसानों को लगातार भुगतान के लिए परेशान करना कुछ पूर्व में काम किया गया था. हमने 10 रुपये कुंतल गन्ने का भाव भी बढ़ाया था. साथ ही गन्ने की ढुलाई का भी रेट हमने बढ़ाया था. गन्ना माफियाओं से जो किसान पीड़ित रहता था, उनसे मुक्ति दिलाने का काम योगी सरकार ने किया है. हम 325 रुपये के रेट से गन्ना खरीद रहे हैं और गन्ना किसान स्वतंत्र होकर गन्ना बेच रहा है. गन्ना किसान की आर्थिक व्यवस्था हमने बेहतर की है. गन्ना किसानों के हित में हमारी सरकार ने फैसले किए हैं.

किसान हमारे एजेंडे में हैं: गन्ना मंत्री
गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक काम होने के दावे और किसानों के आंदोलन करने के सवाल पर सुरेश राणा ने कहा कि किसान हमारे एजेंडे में हैं. यह रणनीति नहीं, यह राजनीति है. मोदी जी और योगी जी वह राजनीति करते हैं, जिस राजनीति में खुशहाली होती है. वह राजनीति करते हैं, जो लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाती है. महिलाएं, किसान और बेरोजगार के लिए काम किया जा रहा है, उस एजेंडे को लागू करने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही हैं. अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 1 साल में 18 हजार रुपये का भुगतान किया था और हमने 2 गुना से अधिक भुगतान किया. योगी सरकार अखिलेश यादव सरकार से 2 गुना से अधिक भुगतान कर चुकी है. सिर्फ 1 साल में स्पष्ट है कि कौन गन्ना किसानों का हितैषी है. गन्ना मंत्री ने कहा कि हम किसानों से बात करेंगे और जो भी उनकी समस्याएं होंगी, उसे दूर करने का पूरा प्रयास करेंगे.

किसान को जागरूक कर रही सरकार
पराली जलाए जाने के सवाल पर गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि एनजीटी के आदेशों के कारण जिस प्रकार से सुप्रीम निर्देश दिए गए हैं, मैं कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री के द्वारा अपील की गई है और अपील का असर यह हुआ है. हम गन्ना किसानों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. जगह-जगह लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. हमारा कहना है कि किसान जागरूक होकर पराली या अन्य कृषि अपशिष्टों, अवशेषों का इस्तेमाल खाद और कंपोस्ट के लिए करें, जिससे वे लाभान्वित हो सकें. गन्ना मंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान चलाने का काम उत्तर प्रदेश सरकार लगातार कर रही है और आगे भी करेगी.

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