लखनऊ:सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'अमृत डोज' के लिए हर सप्ताह विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाने की अपील की है. प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति को लेकर सीएम ने सोमवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीके की 'अमृत डोज' (बूस्टर/ प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है. यह सुखद है कि विगत दिवस आयोजित वृहद बूस्टर डोज अभियान में 16.16 लाख से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज का लाभ उठाया.
उन्होंने कहा कि हर प्रदेशवासी को बूस्टर डोज लगाए जाने के लिए प्रत्येक रविवार को प्रदेशव्यापी विशेष अभियान चलाया जाएगा. गौरतलब है कि बूस्टर डोज पूरी तरह निशुल्क है. अब तक 1 करोड़ 13 लाख से अधिक लोगों ने निशुल्क बूस्टर डोज लगवा ली है. बूस्टर डोज के लिए तय 75 दिनों के लक्ष्य के सापेक्ष इसमें तेजी की अपेक्षा है. यह सुनिश्चित कराएं कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त बूस्टर डोज जरूर लग जाए. बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को सही जानकारी दी जाए.
प्रदेश में मिले 732 नए मरीज
सोमवार को 53 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 732 नए मरीजों की पुष्टि हुई. इसी अवधि में 288 मरीज कोरोना मुक्त भी हुए. वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 5,440 है. बीते 20 जुलाई से उत्तर प्रदेश में दैनिक केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है. आगामी दिनों में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व हैं. इन पर्वों में लोगों की आवाजाही भी बढ़नी स्वाभाविक है. ऐसे में सतर्कता-सावधानी बहुत जरूरी है. बीते रविवार को 1.42% पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई.
ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है. कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के टीके की 'अमृत डोज' (बूस्टर/ प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है. बीते दिनों बूस्टर डोज अभियान में 16 लाख 16 हजार से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज का लाभ लिया.
उच्चस्तरीय टीम-09 को दिशा-निर्देश
देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए. मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार और बचाव आदि के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को सही और समुचित जानकारी देते हुए जागरूक किया जाए. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति से परामर्श करें.