लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आम्रपाली ग्रुप के निदेशक अनिल कुमार शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट के संबंध में दिल्ली के डायरेक्टर जनरल (जेल) को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने कहा है कि डीजी अपने हलफनामे में बताएं कि मंडोली सेंट्रल जेल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) डॉ. ललित कुमार 15 अगस्त 2020 को ड्यूटी पर थे या नहीं और उस दिन उन्होंने कितने मरीजों को देखा था. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दाखिल एक प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान दिया.
मंडोली जेल के एसएमओ न्यायालय में हुए उपस्थित
न्यायालय के पिछले आदेश के अनुपालन में मंडोली जेल के एसएमओ डॉ. ललित कुमार न्यायालय में उपस्थित हुए. उन्होंने न्यायालय को बताया कि 15 अगस्त 2020 को अनिल कुमार शर्मा की मेडिकल रिपोर्ट जारी करने से पूर्व 8-10 महीने उन्होंने उसका इलाज किया था. एसएमओ ने यह भी कहा कि मार्च 2019 से अभियुक्त का इलाज जेल में ही चल रहा था. पूर्ववर्ती स्वास्थ्य अधिकारियों की डायग्नोसिस के आधार पर उन्होंने 15 अगस्त 2020 को रिपोर्ट तैयार की थी. न्यायालय ने एसएमओ के उक्त जवाब पर संज्ञान लेते हुए महानिदेशक को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
न्यायालय ने पूछे ये छह सवाल
- एसएमओ डॉ. ललित कुमार 15 अगस्त 2020 को ड्यूटी पर थे या नहीं.
- 15 अगस्त 2020 को क्या उन्होंने अन्य मरीजों को भी देखा था.
- क्या डॉ. ललित कुमार 15 अगस्त या किसी अन्य राष्ट्रीय अवकाश पर मेडिकल सार्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत हैं.
- अनिल कुमार शर्मा को मंडोली जेल में कब दाखिल किया गया.
- कैदियों के मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए तय प्रक्रिया या गाइडलाइंस क्या हैं.
- यदि कोई प्रक्रिया या गाइडलाइन है तो उसे हलफनामे के साथ दाखिल किया जाए.
15 अगस्त 2020 की उक्त मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही अनिल कुमार शर्मा को हाईकोर्ट से छह सप्ताह की अंतरिम जमानत मिल गई थी. हालांकि ईडी ने एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से एम्स, नई दिल्ली के निदेशक द्वारा भेजी अनिल कुमार शर्मा की स्वास्थ्य रिपोर्ट दाखिल की. न्यायालय ने पाया कि अनिल कुमार शर्मा को मंडोली जेल की स्वास्थ्य रिपोर्ट में गम्भीर रूप से बीमार बताया गया था और उसके ऑपरेशन की आवश्यकता भी बताई गई थी. जबकि एम्स की रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया.