लखनऊः दुराचार पीड़ित और उसकी साथी के आत्मदाह किये जाने के मामले में अमिताभ ठाकुर (Former IPS officer Amitabh Thakur) ने दूसरी जमानत याचिका दाखिल की है. उनकी पहली जमानत की अर्जी खारिज हो चुकी है. पूर्व आईपीएस अधिकारी की जमानत अर्जी पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश महेश चंद्र वर्मा के सामने पेश की गई है. अर्जी पर अदालत ने बचाव पक्ष और अभियोजन को सुनने के उपरांत 30 नवंबर के लिए अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है.
जमानत अर्जी पर अधिवक्ता नूतन ठाकुर का तर्क था कि अगर गवाहों के बयान और घटनाक्रम को देखा जाए तो अमिताभ ठाकुर के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. बहस के दौरान यह भी कहा गया कि जब उनकी ओर से प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, तब बहुत से आधार और बिंदुओं को नहीं उठाया गया था. जिसकी वजह से नए आधार और बिंदुओं पर दूसरा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है. वहीं जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार श्रीवास्तव का तर्क था कि दूसरा जमानत प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है, क्योंकि इस जमानत प्रार्थना पत्र में कोई नए आधार नहीं लिए गए हैं और न ही कोई नई बात कही गई है. यह भी कहा गया कि प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र गुण और दोष के आधार पर निस्तारित किया गया था.