उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

30 सालों से गोरखनाथ थाने में तैनात हैं अजय सिंह, अमिताभ ठाकुर ने की हटाने की मांग

यूपी के गोरखनाथ थाने में 30 सालों से तैनात हेड कांस्टेबल अजय सिंह को हटाने के लिए अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी ने DGP को चिट्ठी लिखी है. अमिताभ ठाकुर ने मांग की है कि इसकी जांच कर कार्रवाई की जाए.

By

Published : May 30, 2021, 2:39 AM IST

अमिताभ ठाकुर ने की कार्रवाई की मांग
अमिताभ ठाकुर ने की कार्रवाई की मांग

लखनऊ:जबरन रिटायर किए गए पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर (amitabh thakur) और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में कार्यरत मुख्य आरक्षी अजय कुमार सिंह को हटाए जाने को लेकर DGP को पत्र लिखा है. आरोप है कि आरक्षी अजय कुमार सिंह (head constable ajay singh) बीते 30 सालों से गोरखपुर में ही तैनात है. वह किसकी शह पर एक ही जगह जमा है इसकी जांच कर कार्रवाई की जाए.

अमिताभ ठाकुर का ट्वीट.

सीएम योगी विश्वासपात्र माना जाता है आरक्षी
DGP यूपी सहित अन्य अफसरों को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने कहा कि अजय सिंह 1992 में गोरखपुर में पुलिस विभाग में भर्ती हुए और गोरखनाथ थाने में तैनात किए गए. जहां वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए और उनके काफी विश्वासपात्र और करीबी लोगों में शुमार हो गए. तब से वे पुलिसकर्मियों के लिए स्थापित नियमों के विपरीत लगातार स्थायी रूप से गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में ही कार्य कर रहे हैं.

डॉ. नूतन ठाकुर का पत्र.
एडीजी स्तर के अधिकारी के समक्ष भी सादे ड्रेस में निर्भीक होकर रहता है खड़ा
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि अजय सिंह के तमाम फोटो उनकी आदित्यनाथ के साथ निकटता के संदेश देते हैं. जहां एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने बावर्दी अलर्ट मुस्तैद रहते हैं, वहीं,अजय सिंह सादे ड्रेस में बगल में बड़े आराम से खड़े दिखते हैं. इसी प्रकार जहां उनसे वरिष्ठ कई अन्य अफसर सामने अलर्ट खड़े रहते हैं, वहीं वे बहुधा बावर्दी दुरुस्त वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सादे ड्रेस में सोफे पर आराम से बैठे नजर आते हैं.

इसे भी पढ़ें-अमिताभ और नूतन ने चित्रकूट जेल गोलीकांड की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग की


जल्द कार्रवाई हो
अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि मुख्यमंत्री से निकटता का सार्वजनिक प्रदर्शन, उनकी ये सार्वजनिक भाव-भंगिमा तथा उनके इस प्रकार के फोटोग्राफ पुलिस विभाग तथा आम जनमानस में बहुत अधिक गलत सन्देश दे रहे हैं. ऐसे में इन तथ्यों की जांच कराते हुए विभागीय गरिमा एवं अनुशासन के लिए कार्रवाई की जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details