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एक-एक मिनट कीमती है, कम से कम समय में पहुंचनी चाहिए एंबुलेंस: सीएम योगी

राजधानी लखनऊ में सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर एंबुलेंस के रोगी तक पहुंचने के समय को कम से कम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी रोगी के लिए एक-एक मिनट कामती होते हैं. ऐसे में एंबुलेंस को हर हाल में 15 मिनट के अंदर पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है.

मरीजों को दिखाया जाता है निजी अस्पताल का रास्ता

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Published : Mar 4, 2019, 11:06 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सभी अधिकारियों को फटकार लगाई. उन्होंने कहा है कि एक-एक मिनट का महत्व है. 15 मिनट में एंबुलेंस पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी है. इस फटकार के बाद सभी अधिकारियों ने मुस्तैदी दिखाते हुए आदेश दिया है, कि किसी भी मरीज को कम से कम वक्त में अस्पताल पहुंचाना प्राथमिकता में लाया जाए.

मरीजों को दिखाया जाता है निजी अस्पताल का रास्ता

सीएम की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के बाद मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ. नरेन्‍द्र अग्रवाल ने अपने कार्यालय पर आवश्यक बैठक बुलाई. यहां उन्होंने जिम्मेदारों को निर्देश देते हुए कहा कि चाहे दुर्घटना हुई हो अथवा तबीयत खराब हुई हो, किसी भी दशा में जल्‍दी से जल्‍दी उपचार आवश्‍यक है. ऐसी स्थिति में उपचार के लिए एक-‍एक मिनट कीमती होता है. इसलिए एम्‍बुलेंस बुलाने के लिए कॉल किये जाने के बाद रोगी के पास ज्‍यादा से ज्‍यादा 15 मिनट में एम्‍बुलेंस पहुंच जानी चाहिये.

रोगी वाहन यानी एम्‍बुलेंस संचालन की जिम्‍मेदारी जीवीकेएमआरआई के पास है. इस बैठक में मौजूद जीवीकेएमआरआई के प्रतिनिधियों को यह स्‍पष्‍ट निर्देश दिये गये. उन्होंने वर्तमान में रोगी वाहन रिस्पांस टाइम 17 मिनट होने पर चिंता जाहिर की और इसे और कम करने की सलाह दी. योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग करके 108 और 102 रोगी वाहनों के देर से पहुंचने पर नाराजगी जताई. इसके बाद राजधानी में भी स्वास्थ्य विभागमें बैठकों का दौर शुरू हो गया है.

सीएमओ ने जानकारी मांगी कि किसी व्यक्ति के फोन करने पर रोगी वाहन का रिस्पांस टाइम कितना है? इस पर जीवीकेईएमआरआई के प्रतिनिधि सुजाय ने बताया कि वर्तमान में यह 17 मिनट है. इस पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह समय अधिक है और इसे और कम किया जाना चाहिए. साथ ही किसी भी दशा में दुर्घटनाग्रस्त होने पर यदि कोई फोन किया जाता है तो एंबुलेंस हर हाल में 15 मिनट में सभी जगह पहुंच जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जिस क्षेत्र से अधिक डिमांड है, वहां पर रोगी वाहनों की संख्या बढ़ाई जाए.

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