निजी अस्पताल व सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस का किराया तय
एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के खिलाफ परिवहन विभाग ने अभियान भी चला कर एंबुलेंस का किराया निर्धारित कर दिया है. अब एंबुलेंस संचालक तय किराए से ज्यादा वसूलते पाए जाएंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के खिलाफ आदेश जारी किया है.
लखनऊ: कोरोना काल में ऐसी तमाम खबरें सामने आईं कि थोड़ी सी ही दूरी के लिए एंबुलेंस संचालकों ने तीमारदारों से मनमाने पैसे की वसूली की. एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के खिलाफ परिवहन विभाग ने अभियान भी चलाया और कई को नोटिस भी जारी की, लेकिन वसूली का यह सिलसिला थमा नहीं. ऐसे में मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए अब सरकार ने एंबुलेंस का किराया निर्धारित कर दिया है. अब एंबुलेंस संचालक तय किराए से ज्यादा वसूलते पाए जाएंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्धारित किराये से अधिक किराया लेने पर एम्बुलेंस का पंजीयन और चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने का निर्णय लिया है.
इतना होगा अलग श्रेणी की एंबुलेंस का किराया
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के खिलाफ आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि चार श्रेणियों का एम्बुलेंस के किराए का निर्धारण किया गया है. टाइप-ए रोड एम्बुलेंस/मेडिकल फर्स्ट रेस्पाॅडर के लिए प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 500 रुपए व 10 किलोमीटर के बाद 10 रुपए प्रति किलोमीटर की दर निर्धारित की गई है. टाइप-बी रोड एम्बुलेंस/पेशेंट ट्रान्सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपये तक की मारुति ओमनी, टाटा मैजिक, मारूति इको आदि) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर के लिए 1000 रुपए व 10 किलोमीटर के बाद 20 रुपए प्रति किलोमीटर चुकाना होगा. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार टाइप-सी रोड एम्बुलेंस/बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (आठ लाख रुपए से अधिक 10 लाख रुपये तक की महिन्द्रा बोलोरो ) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर का किराया 1500 रुपए व इसके बाद 25 रुपए प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है, साथ ही टाइप-डी रोड एम्बुलेंस/एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (10 लाख से अधिक की टाटा विंगर, फोर्स ट्रैवलर, टाटा 407 आदि) के लिए प्रथम 10 किलोमीटर का 2000 रुपए व इसके बाद 30 रुपए प्रति किलोमीटर देय होगा. उन्होंने बताया कि पेशेंट ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस, बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के निर्धारित दरों में आक्सीजन, एम्बुलेंस उपकरण, पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फेस शील्ड, सेनेटाइजर, चालक, अपेक्षित ईएमटी व डॉक्टर शामिल हैं.
परमिट व कर से मुक्त हैं एम्बुलेंस
प्रमुख सचिव ने बताया कि मोटर अधिनियम के तहत एम्बुलेंस को परमिट एवं कर से मुक्त रखा गया है. एम्बुलेंस का उपयोग व्यवसायिक न होकर अनन्य रूप से मरीज या घायल के परिवहन के लिए किया जाता है, जो एक प्रकार से सामाजिक सेवा है. उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस के किराए की दरों पर नियंत्रण के लिए विभिन्न जिलों में समय-समय पर अधिसूचनाएं जारी की गई हैं, जिनकी दरों में भिन्नता पाई गई. वर्तमान में कोविड-19 की महामारी के दृष्टिगत पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस की दरों में एकरूपता को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है.