लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह का शनिवार को सिंगापुर में 64 साल की आयु में निधन हो गया. राजनीति में अमर सिंह की एक अलग ही तरह की पहचान थी. खासकर जब बात समाजवादी पार्टी से जुड़ी हो. पार्टी के हर फैसले से लेकर मुलायम परिवार तक में अमर सिंह का दखल था. अमर सिंह को ही समाजवादी पार्टी में कॉरपोरेट कल्चर लाने का श्रेय जाता है.
कद्दावर नेता में थे शुमार
समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने वाले अमर सिंह 90 के दशक से ही यूपी के कद्दावर राजनीतिक चेहरों के रूप में जाने जाते थे. सपा संरक्षक मुलायम सिंह व अमर सिंह में 2010 में मनमुटाव हो गया. दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर सिंह को साल 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया.
अमिताभ से मांगी थी माफी
नेताजी अमर सिंह को कभी दिल से दूर नहीं कर पाए और एक बार फिर समाजवादी पार्टी में अमर सिंह की वापसी हो गई. हालांकि अखिलेश को लेकर अमर सिंह की सोच बिल्कुल अलग रही. अमिताभ बच्चन के परिवार से भी अमर सिंह करीबी रहे, लेकिन बाद में इस रिश्ते में भी खटास पैदा हो गई थी. फरवरी माह में ही अमर सिंह ने एक वीडियो जारी कर अमिताभ बच्चन से माफी तक मांग ली थी. समाजवादी रहे अमर सिंह का अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में झुकाव भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की तरफ हो गया था.
बॉलीवड को पार्टी के मंच पर खड़ा किया
अमर सिंह समाजवादी पार्टी के केंद्र बिंदु में हमेशा ही रहे. पार्टी को कॉरपोरेट कल्चर में ढालने का श्रेय अमर सिंह को ही जाता है. पार्टी में बॉलीवुड का तड़का लगाने का श्रेय अमर सिंह को ही जाता है. अमर सिंह ने बॉलीवुड के कई अभिनेता व अभिनेत्रियों को पार्टी के मंच पर खड़ा किया. इनमें जया बच्चन, जया प्रदा और अनिल अंबानी भी पार्टी के मंच पर दिखे. जया बच्चन तो अभी भी पार्टी से जुड़ी हुई हैं. अमर सिंह की करीबी जयाप्रदा अमर सिंह के साथ ही पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुकी हैं.
2010 में पार्टी से निकाल दिए गए अमर सिंह
समाजवादी पार्टी से जहां अमर सिंह के करीबी होने की चर्चा होती है तो दूरियों का भी जिक्र जरूर होता है. 2003 से 2007 तक समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के हर फैसले में साथ निभाने वाले अमर सिंह 2010 में पार्टी से इस कदर खफा हुए कि पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद मुलायम सिंह यादव को ही उन्हें 2 फरवरी 2010 को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ गया. समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद अमर सिंह इधर-उधर भटकते रहे. राष्ट्रीय लोकदल की भी शरण ली, लेकिन मुलायम सिंह के प्रति हमेशा मुलायम रुख रखने वाले अमर सिंह की 2016 में फिर से समाजवादी पार्टी में वापसी हो गई. हालांकि तब तक पार्टी में बहुत कुछ बदल चुका था. नेताजी धीरे-धीरे राजनीति से किनारे हो रहे थे और उनके बेटे अखिलेश यादव पार्टी की कमान संभाल रहे थे. अखिलेश और आजम खां की करीबी के चलते ही अमर सिंह ने अखिलेश को नमाजवादी की संज्ञा दे डाली थी.
कई फिल्मों का रहे हैं हिस्सा
अभिनेता और अभिनेत्रियों को नेता बनाने वाले अमर सिंह ने फिल्मों में अभिनेता बनकर अपनी किस्मत आजमाई थी. उन्होंने हिंदी फिल्म 'हमारा दिल आपके पास है' में छोटा सा अभिनय किया था. इसके अलावा शैलेंद्र पाण्डेय द्वारा निर्देशित फिल्म 'जेडी (जर्नलिज्म डिजाइन)' में भी इन्होंने एक राजनेता का अभिनय किया था. 'नो एंट्री', 'लक्ष्य', 'खाकी' और 'सिर्फ तुम' जैसी फिल्मों का भी हिस्सा रहे. नेता अमर सिंह ने मलयालम फिल्म में डिंपल कपाड़िया के साथ भी काम किया.
अमर सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. देश के तमाम दिग्गज नेता और विभिन्न हस्तियां अमर सिंह के निधन पर शोक जता रहे हैं.