लखनऊः विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर और मंत्री अनिल राजभर के बीच नोकझोंक देखने को मिली. इस दौरान ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस सरकार में पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है. नौकरी में जो हक पिछड़ों को मिलना चाहिये था, वो नहीं मिल पा रहा है. योगी सरकार पिछड़ों के लिए आरक्षण से खिलवाड़ कर रही है.
ओमप्रकाश राजभर, पूर्व मंत्री समाज पर छिड़ी बहस
ओपी राजभर ने कहा कि बहराइच में सुहेलदेव की प्रतिमा पर महाराजा सुहेलदेव राजभर लिखा जाना चाहिये. वे राजभर समाज के हैं. मंत्री अनिल राजभर ने उनका जवाब देते हुए सदन में कहा कि, आजादी के इतने सालों बाद तक किसी सरकार ने महाराजा सुहेलदेव का जिक्र तक नहीं किया. पीएम मोदी और सीएम योगी ने महाराजा सुहेलदेव को याद करते हुए कहा कि ये एक बड़ा काम किया है. जिस सालार मसूद के खिलाफ महाराजा सुहेलदेव ने लड़ाई लड़ी उसी के वंशज के साथ ओपी राजभर आज खड़े दिखाई दे रहे हैं.
'राज्यपाल का अभिभाषण खोखला'
कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्र ने कहा कि इस अभिभाषण में कुछ नहीं है. ऐसा पहली बार हुआ है कि सात मिनट देरी से राज्पाल ने अभिभाषण शुरू किया. ऐसा क्यों हुआ, इससे पता चलता है कि वो पढ़ना ही नहीं चाहती थीं. कोरोना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस महामारी में सब ने काफी कुछ खोया है. आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि पहला केस केरल में आया. उस समय राहुल गांधी ने इसके लिए सरकार को आगाह किया था. सारे केश विदेश से आये. आखिर हवाई सेवा क्यों नहीं बंद की गयी. प्रवासी मजदूरों पर बोलते हुए कहा कि, जब हर प्रवासी मजदूर को घर भेज दिया था, तो जो सड़कों, ट्रेन की पटरियों पर चल रहे थे, वे कौन थे. हमने एक हजार बसें दी. इसके साथ ही उन्होंने पीपीई किट घोटाले का भी जिक्र किया. आज सरकार से ये सवाल है कि कितने नौजवानों को रोजगार मिला, और कितना निवेश आया.
महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े
कांग्रेस नेता ने गोशाला की बदहाली का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गोवंश मर रहा है. आने वाले समय में ये सरकार का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा. किसानों में बढ़ी खाद की कीमतों पर बोलते हुए कहा कि पांच किलो बोरी में कम दिया गया है. किसानों का हित किसी ने किया है, तो वो सिर्फ कांग्रेस ने किया है. पूरे देश में जो महिलाओं के प्रति अपराध हुए हैं, उसमें से 14 फीसदी अपराध सिर्फ यूपी में है. 92.4 फीसदी आंकड़े प्रदेश में लंबित है, जिसमें महिलायें इंसाफ का इंतजार कर रही हैं. सवाल ये है कि अगर अपराधी जेल में हैं, तो फिर ये अपराध कैसे हो रहे हैं.