लखनऊः आवास विकास परिषद की लेटलतीफी का खामियाजा आवंटी भुगत रहे हैं. आवंटियों ने विकास परिषद की विभिन्न योजनाओं में जीवन भर की कमाई लगाकर फ्लैट लिया था. आवंटियों ने यह सोचकर परिषद की योजनाओं में निवेश किया था कि समय पर अपना आवास होगा, जिससे किराए की किचकिच से छुट्टी मिल जाएगी. मगर, वादे के अनुसार फ्लैट तैयार नहीं हुए. छह साल बाद कब्जा देने की बारी तो फ्लैट की कीमत में 30 फीसद तक बढ़ोतरी कर दी. अब यह रकम भरना आवंटियों के लिए भरना मुश्किल हो रहा है.
अवध विहार योजना में महंगे हुए फ्लैट
अवध विहार योजना के अंतर्गत गोमती एन्क्लेव एवं सरयू अपार्टमेन्ट में इस महीने से कब्जा दिया जाना शुरू किया गया है. परियोजना में हुई देरी के बावजूद आवंटियों पर बढ़ी कीमत जमा करने की नोटिस भेज दी गई है. लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने इस मामले की आवास आयुक्त से शिकायत की है. महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि परियोजना की शुरुआत समाजवादी आवास योजना के तहत वर्ष 2015-2016 में हुई थी, जिसे बनाकर 3 वर्ष में दिया जाना था. वर्ष 2018- 2019 में पूरा किया जाना था, लेकिन वर्ष 5 वर्ष से अधिक समय हो गए. अब कब्जा देने की बात कही जा रही है. आवंटियों ने बताया कि मूल्य में इतनी बढ़ोतरी कर दी गई जो एक सामान्य निवासी की पहुंच से कहीं ज्यादा है.
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने की है शिकायत
उमाशंकर दुबे ने आवास आयुक्त को पत्र लिख कर बताया है कि टू बीएचके का फ्लैट जिसकी कीमत 25.70 लाख रुपये थी अब उसकी कीमत 35 लाख तक पहुंच गयी है. इतना ही नहीं जमीन की कीमत को हटाकर, निर्माण लागत पर वर्ष जून 2020 से ब्याज भी लगा दिया जा रहा है. जबकि गलती आवास विकास की थी तो ऐसे में ब्याज का अतिरिक्त बोझ आवंटियों पर वसूले जाने से सवाल खड़ा हो रहा है. आवंटियों ने पुन: गणना कराने की मांग की है. उन्होंने कहा प्रोजेक्ट में देरी के लिए आवास विकास जिम्मेदार है, ऐसे में आवंटियों पर अनाधिकृत रूप से ब्याज लगाना उचित नहीं है. यही समस्या कैलाश इन्क्लेव की भी है. यहां भी तीस फीसद तक कीमत बढ़ा दी गई है.
फायर स्टेशन की जमीन पर पेट्रोल पंप खोलने पर आपत्तियों की सुनवाई में हंगामा
ट्रांसपोर्ट नगर में फायर स्टेशन की जमीन पर पेट्रोल पंप खोलने को लेकर हंगामा हो गया है. भू उपायोग बदले जाने को लेकर आपत्तियों पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान सचिव के सामने ही आपत्तिकर्ता और समर्थक बहस करने लगे. लखनऊ गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति को फायदा देने की नियत से दर्जनों ट्रांसपोर्टरों और सैकड़ों आवंटियों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है. वहीं, पेट्रोल पंप को लेकर एक पक्ष ने समर्थन किया. बैठक में दोनों पक्ष आपस में आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे. सचिव के हस्तक्षेप के बाद माहौल को शांत कराया जा सका.