लखनऊ:कल्याण सिंह सुपर स्पेशयलिटी इंस्टिट्यूट (कैंसर संस्थान) में उपकरणों की खरीद में घपलेबाजी का मामला सामने आया है. जांच रिपोर्ट में मामला सही मिलने पर गुरुवार को निदेशक को हटा दिया गया. इसमें डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर कर सामान खरीद के आरोप थे. वहीं, ठाकुरगंज टीबी अस्पताल की फिजियोथेरेपी यूनिट में आग लग गई.
कैंसर संस्थान में उपकरणों की खरीद में नया खुलासा हुआ है. 60 पेज की रिपोर्ट में संस्थान की महिला डॉक्टरों ने फर्जी हस्ताक्षर से उपकरणों की खरीद का आरोप लगाया है. ऐसा ही आरोप संस्थान छोड़ चुके एक अन्य डॉक्टर ने भी लगाया है. यहां के निदेशक प्रो. शालीन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. इसमें तमाम उपकरण महंगी दरों पर खरीदकर सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया गया. यही नहीं उपकरणों की खरीद में नियमों की अनदेखी की गई थी. शासन के निर्देश पर 16 जून को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कमेटी की जांच रिपोर्ट में नियमों की अवहेलना के आरोप सही साबित हुए. ऐसे में शासन ने तत्काल प्रभाव से निदेशक को हटा दिया. वहीं, शुक्रवार को एसजीपीजीआई के निदेशक ने कैंसर संस्थान का भी चार्ज संभाल लिया.
कोरोना की दूसरी लहर में शासन ने अप्रैल के दूसरे हफ्ते में कैंसर संस्थान को कोविड हॉस्पिटल बनाने के निर्देश दिए. 100 बेड पर कोरोना मरीजों की भर्ती की व्यवस्था करनी थी. इसमें गत तीन सालों में जिस दर पर उपकरण खरीदे गए, उसी दर पर कंपनियों से उपकरण की खरीदने का आदेश दिया गया. आरोप हैं कि संस्थान में मॉनिटर, वेंटिलेटर, डेड बॉडी बैग, सर्जिकल कैप, हैंड वॉश, हैंड रब, ऑक्सीजन मास्क समेत इलाज में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदा गया. उपकरणों की खरीद के लिए संस्थान में कमेटी बनी. कमेटी की महिला सदस्य ने आरोप लगाया है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उपकरणों की खरीद-फरोख्त की गई है. वहीं, एक अन्य डॉक्टर ने भी जाली दस्तखत बनाए जाने की आशंका जाहिर की.