लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जब से कमिश्नरी सिस्टम लागू हुआ है, उसके बाद से लखनऊ पुलिस भी बेलगाम हो चुकी है. लखनऊ पुलिस वाहवाही लूटने के चक्कर में बेगुनाहों को भी जेल भेजने से बाज नहीं आ रही है. ऐसा ही मामला अलीगंज थाना क्षेत्र में देखने को मिला है. यहां स्थित एक पार्क में 25 फरवरी को जुल्फिकार नाम का युवक घूम रहा था. इसी दौरान रास्ते में पड़े ईंट से उसको चोट लग गई, जिस पर इसके बाद उस युवक द्वारा उस ईंट को रास्ते से हटा दिया गया. तभी पार्क में मौजूद लोगों का उससे ईंट को हटाने को लेकर विवाद हो गया. इस घटना के तीसरे दिन थाने पर तहरीर दी गई. इस पर कोतवाल ने मामला कुछ और ही बनाकर पेश कर दिया. उस तहरीर पर एफआईआर दर्ज नहीं की, लेकिन उसके बावजूद युवक और उसके तीन साथियों को पहले थाने लाकर पिटाई की और फिर जेल भेज दिया.
यह है मामला
पूरा मामला अलीगंज थाना क्षेत्र के गल्ला मंडी के पास वैष्णो पार्क का है. यहां पर रेलवे ट्रैक के किनारे सालों से निवास कर रहे लोग मजदूरी कर परिवार को पाल रहे हैं. उसी ट्रैक के पास एक पार्क है. उस पार्क को लोग घूमने के लिए इस्तेमाल करते हैं. कुछ लोगों को रेलवे ट्रैक ने किनारे रहने वाले लोगों का पार्क में घूमना नागवार गुजर रहा है. इसी को लेकर पार्क में 25 फरवरी को विवाद हो गया. हालांकि इसमें किसी से कोई हाथापाई नहीं होने की बात कही गई. वहीं घटना के तीसरे दिन बाद दूसरे पक्ष ने आकर थाने पर शिकायती पत्र दिया, जिसके बाद चार युवकों को जेल भेज दिया गया.
इस मामले में जेल गए युवक मन्नान के परिजनों की मानें तो जिस दिन की यह घटना बताई जा रही है, उस दिन वह संडीला गया हुआ था, जहां पर उसके रिश्तेदार की मिट्टी हो गई थी. वहीं दूसरा युवक आजम गाड़ी चलाने का काम करता है. उसके परिजनों ने बताया कि वह भी उस दिन नहीं था, क्योंकि आजम जहां पर गाड़ी चलाता है, वह मालिक भी थाने पर आकर अपना बयान दे गया है कि उस दिन आजम उसके साथ मौजूद था. तीसरा व्यक्ति मुख्तार है, जो दूध बेचने का काम करता है. वह उस दूध देने के लिए गया हुआ था. जेल गए चौथे युवक जुल्फिकार की मां ने कहा कि उसके बेटे को फंसाया जा रहा है. गरीब होने की वजह से पुलिस उसकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है.