लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पॉवर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) में हुए हजारों करोड़ के ईपीएफ घोटाले की जांच मार्च 2021 तक पूरा करने का आदेश सीबीआई को दिया है. इससे पूर्व सीबीआई ने मार्च तक जांच पूरी करने आश्वासन दिया था. इस आश्वासन पर न्यायालय ने आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सीबीआई के विवेचक को यह भी निर्देश दिया कि मामले की जांच प्राथमिकता से की जाए. यदि मार्च तक जांच पूरी नहीं होती है तो सीबीआई को स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार रहना होगा. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने सुधांशु द्विवेदी की याचिका पर दिया.
'समय से जांच नहीं होने पर स्पष्टीकरण देने को तैयार रहे CBI'
यूपीपीसीएल के ईपीएफ घोटाले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सीबीआई को मार्च तक जांच पूरा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि मार्च तक जांच नहीं पूरी होती हो सीबीआई को स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार रहना होगा.
सीबीआई ने प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट
याची की ओर से इस मामले में ईओडब्ल्यू की जांच को चुनौती दी गई थी. याचिका पर जवाब देते हुए सीबीआई ने मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. सीबीआई का कहना था कि एक लाख से अधिक पन्नों के दस्तावेजी साक्ष्यों का अध्ययन किया जा चुका है. बहुत से व्यक्तियों से भी पूछताछ हो चुकी है. सीबीआई ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह मार्च 2021 तक जांच पूरी कर लेगी. इस पर न्यायालय ने दी गई समय सीमा तक जांच पूरी करने के निर्देश सीबीआई को दिए हैं.
डीएचएफएल घोटाला मामला
पावर कॉर्पोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और कर्मचारियों के ट्रस्ट के पूर्व सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता पर नियमों को दरकिनार करते हुए कर्मचारियों के भविष्य निधि के हजारों करोड़ रुपये डीएचएफएल में निवेश कर घोटाला करने का आरोप है. इस मामले में हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी.