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हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे मिल रहीं ये सभी सेवाएं - वन स्टॉप सेंटर में मिल रहीं सभी सेवाएं

हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टॉप सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इस दौरान वन स्टॉप सेंटर में सभी सुविधाएं जैसे चिकित्सकीय सहायता और पुलिस सहायता इत्यादि उपलब्ध रहेंगी.

वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर

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Published : Jan 4, 2021, 6:35 AM IST

लखनऊ: हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अल्प प्रवास (पांच दिवस), चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवाएं, विधिक सहायता एवं पुलिस सहायता इत्यादि एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो जाएगा. महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित वन स्टाप सेंटर का शुभारम्भ वित्तीय वर्ष 2016-17 में किया गया था. वर्तमान में प्रदेश के सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का संचालन किया जा रहा है.

ये हैं व्यवस्थाएं
मनोज कुमार राय ने बताया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आवश्यक सेवाएं प्रदान किए जाने के लिए प्रत्येक वन स्टाप सेंटर में प्रशासकीय कार्यों के लिए एक सेंटर मैनेजर, प्रशासक, परामर्शी सेवायें देने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, चिकित्सीय सेवाओं के लिए तीन पैरामेडिकल नर्स, कार्यालय में एक कप्यूटर आपरेटर-सह लिपिक और दो केस वर्कर की व्यवस्था की गयी है.

सभी जनपदों में वन स्टाप सेंटर का हो रहा संचालन
इसके अतिरिक्त इमरजेंसी रिस्पांस एवं रेस्क्यू सेवायें, पुलिस विभाग की डायल 112, स्वास्थ्य विभाग की डायल 108, 102 सेवाओं से सम्पर्क करते हुए प्रदान की जाती हैं. पुलिस विभाग से सम्पर्क कर पीड़िता की प्रथम शिकायत दर्ज कराई जाती है. पीड़ित महिला को न्याय दिलाए जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के इम्पैनल्ड अधिवक्ताओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है.

मनोज कुमार राय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के वन स्टाप सेंटरों में कुल 16,607 महिलाओं और बालिकाओं के मामले आए. जिसमें महिलाओं को यथावश्यक सहायता उपलब्ध कराई गई. गत वर्ष दिसम्बर 2020 तक लगभग 6,804 महिलाओं और बालिकाओं को सहायता उपलब्ध करायी गई है.

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