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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: भाजपा को टक्कर देने के लिए कमर कस रहा भागीदारी मोर्चा - सपा चुनाव 2022

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां सभी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी हैं. यही कारण है कि राजधानी लखनऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर शुरू हो गया है. अभी से ही सभी दल ने राजनीतिक गोटियां बिठानी शुरू कर दी है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022
यूपी विधानसभा चुनाव 2022

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Published : Jun 17, 2021, 5:23 PM IST

लखनऊ :आगामी चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने बैठकों के साथ-साथ मंथन शुरू कर दिया है. इस कड़ी में जहां भारतीय जनता पार्टी दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकर कर रही है, वहीं सपा ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपने पदाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी राजधानी लखनऊ में भागीदारी मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. वहीं शिवपाल यादव भी लगातार पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं.


लगभग एक सप्ताह पूर्व राजधानी लखनऊ के दौरे पर आए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भागीदारी मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 52% आबादी पिछड़ों की है. और पिछड़ों को गुमराह करने के लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार ड्रामा कर रही है. आज प्रदेश की जनता महंगाई से जूझ रही है, पर जनता का ध्यान भटकाने का काम यह सरकार कर रही है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022

100 सीटों पर लड़ेंगे ओवैसी
उत्तर प्रदेश को लेकर एआईएमआईएम भी काफी गंभीर है. और यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजधानी लखनऊ में लगातार एआईएमआईएम बैठक कर रही है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली का कहना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता से भाजपा को हटाने के लिए सभी छोटे दलों को एक साथ आना होगा. तभी भाजपा को सत्ता से हटा पाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश की 100 सीटों पर एआईएमआईएम चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही भागीदारी मोर्चा के साथ सभी छोटे दलों का स्वागत है.
केशव के नेतृत्व में 2017 में लड़ी थी भाजपा
ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ा था और चुनाव जीतने के बाद आए आयातित लोगों को मुख्यमंत्री बना दिया गया. आज 69000 शिक्षक अपनी भर्ती की बाट जोह रहे हैं. इसके साथ ही बांदा में कृषि विभाग में जिस तरह से 15 में से 11 एक जाति विशेष के लोगों को नौकरी दी गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि सबका साथ सबका विकास करने की बात करने वाली भाजपा अपनों का विकास कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चेहरा दिखाकर वोट लेने वाली पार्टी है.
सपा-बसपा का भी स्वागत


पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सहयोगी मोर्चा में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर यदि सपा, बसपा भी हमारे साथ आना चाहते हैं तो उनका भी स्वागत है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को राजभर बिंद प्रजापति निषाद पाल समाज के लोगों का वोट मिला और 100 में से 65% वोट हमारे पास है. जबकि 35% वोटों में बंटवारा है. पूर्व मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी डूबती नाव है. और इसे डूबने से बचाने के लिए दबे कारतूस लाए जा रहे हैं. और जितने भी लोग दिल्ली की परिक्रमा कर रहे हैं वह मंत्री बनने के लिए दरबार कर रहे हैं.

शिवपाल भी कर रहे सभी दलों को एक साथ आने की बात

3 दिन पूर्व ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में प्रगति समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी इस बात को स्वीकार किया था, यदि प्रदेश की सत्ता से भाजपा को हटाना है तो सभी छोटे दलों को आपसी भेदभाव भुलाकर एक साथ आना होगा. तभी आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला किया जा सकेगा.

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बताते चलें कि कभी भाजपा गठबंधन के साथी रहे ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा से बगावत की थी. जिसके बाद भाजपा ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद से राजभर लगातार केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमलावर रहते हैं. ओमप्रकाश राजभर ओवैसी के साथ 10 छोटे दलों के साथ मिलकर आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देंगे.

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