लखनऊः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश में लंबे समय तक लगे लॉकडाउन के दौरान जहां सभी तीज त्योहार प्रभावित रहे हैं. वहीं इसी बीच गम के महीने मोहर्रम में जुलूसों को लेकर भी बवाल मचा रहा था. लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में अजादारी और मजलिसों को लेकर बवाल मचा. पुलिस ने इस दौरान सैकड़ो लोगों पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमें दर्ज किए. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इन मुकदमों को वापस लेने की सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है.
मोहर्रम के दौरान दर्ज मुकदमों को हटाने की मांग, सीएम को लिखा पत्र - सीएम योगी को पत्र
लखनऊ में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मुकदमा वापस लेने की मांग की है. ये मुकदमा मोहर्रम में जुलूस निकालने पर दर्ज किया गया था.
![मोहर्रम के दौरान दर्ज मुकदमों को हटाने की मांग, सीएम को लिखा पत्र ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10528267-860-10528267-1612631514462.jpg)
केस वापस लेने की मांग
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है. पत्र के जरिए बोर्ड ने कहा कि शिया समुदाय अल्पसंख्यकों में अल्पसंख्यक समुदाय है. मोहर्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन के बावजूद शिया समुदाय ने इस शोक को मनाया. इस दौरान समुदाय पर कई थानों में मुकदमा दर्ज किया गया. जिसमें हमारी मातमी अंजुमनों को फंसाया गया है. पत्र में हाल ही में सरकार के फैसले का हवाला देते हुए ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि आपने उत्तरप्रदेश में समस्त व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए हैं. इसी तर्ज पर आप हमारे शिया समुदाय के नौजवानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के भी आदेश पारित करें.