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धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण बिल ड्रॉफ्ट पर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई नाराजगी - विधानसभा चुनाव 2022

यूपी की राजधानी लखनऊ में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) ने एक बैठक में जनसंख्या नियंत्रण बिल ड्रॉफ्ट (Population Control Bill Draft) का विरोध किया. बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास (Maulana Yasoob Abbas) ने इसको मुसलमानों के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि इसके जरिए मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है.

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड.
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड.

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Published : Jul 26, 2021, 6:11 PM IST

लखनऊ:राजधानी के सुल्तानुल मदरसे (Sultanul Madrasa) में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) की एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी और बोर्ड के सचिव व प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास समेत कई सदस्य मौजूद रहे. इस बैठक में मुसलमानों के कई मुद्दों पर चर्चा के साथ धर्मांतरण कानून और जनसंख्या नियंत्रण बिल ड्रॉफ्ट (Population Control Bill Draft) का खुलकर विरोध किया गया.

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने की बैठक.
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board)की बैठक में शिया धर्म गुरु और बोर्ड के सचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण बिल ड्रॉफ्ट (Population Control Bill Draft) पर उत्तर प्रदेश सरकार को दोबारा गौर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) जनसंख्या नियंत्रण बिल ड्रॉफ्ट (Population Control Bill Draft) का विरोध करता है और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करता है कि वह इस कानून के बजाय प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करें. स्कूल व कॉलेज खोलें, जिससे जागरुकता पैदा हों. इस मौके पर बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि अगर ऐसा कानून बनता है, तो पहले यह कानून देश के एमएलए, एमएलसी और नेताओं पर लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी कानून पूरे भारत देश के लिए होना चाहिए न सिर्फ एक प्रदेश के लिए.मौलाना ने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश में चुनाव को मात्र 6 महीने रह गए हैं, ऐसे में यह कानून लाना सियासत से जुड़ा हुआ मालूम पड़ता है.
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) की कार्यकारिणी की बैठक में बोर्ड ने धर्मांतरण के मुद्दे पर नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन की आड़ लेकर कुछ लोग इस्लाम को निशाना बनाते हैं, जिसकी बोर्ड सख्त अल्फाज में निंदा करता है. अगर कोई अपनी मर्जी से बगैर जोर जबरदस्ती के इस्लाम कुबूल करें, तब तो वह मुसलमान है. वरना किसी लालच या जोर जबरदस्ती और दबाव में उसको मुसलमान हरगिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस्लाम मजहब में इसकी इजाजत ही नहीं है.

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) की बैठक में वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) का मुद्दा भी सरगर्म रहा. वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) के विवादित बयानों पर बोर्ड के सभी सदस्यों ने नाराजगी का इजहार करते हुए वसीम रिजवी के बॉयकॉट की बात कही. वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) के मुद्दे पर बोर्ड ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि कुरान और इस्लाम की तौहीन करने वाला इस्लाम से खारिज हो जाता है.इस सिलसिले में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) से अपील की कि वह इस तरह के विवादित लोगों पर पाबंदी लगाएं और वसीम रिजवी पर कार्यवाई करें.

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के सेक्रेटरी और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly election 2022) को लेकर बोर्ड का रुख साफ करते हुए कहा कि बोर्ड किसी सियासी पार्टी की हिमायत में कोई बयान जारी नहीं करता है, लेकिन जो बोर्ड के मेनिफेस्टो के हिसाब से सियासी पार्टी शिया कौम के मसले मसाइल पर गौर करेगी, बोर्ड भी उसके बारे में गौर करेगा.

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