लखनऊ: दुनिया भर में चिंता का सबब बना मंकीपॉक्स देश में पैर पसार रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोरोना से कम संक्रामक है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंकीपॉक्स कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है. अलर्ट इसलिए जारी किया गया है ताकि आम जनता सावधानी बरतें.
डॉक्टर आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. जिसके लक्षण चेचक जैसे दिखते हैं. इसमें मरीज को बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान महसूस होना, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकत्ते जो तीन हफ्ते तक रह सकते हैं. हालांकि यह 3 हफ्ते बाद धीरे-धीरे चेचक की तरह कम होने लगता है. इस स्थिति में अधिक घबराने होने की जरूरत नहीं है. केरल दिल्ली और औरैया में मंकीपॉक्स के मरीज सामने आने पर प्रदेश सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. मंकीपॉक्स को लेकर सरकार से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक सभी एक्टिव हैं.
उन्होंने बताया कि संक्रमित शख्स के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से यह वायरस दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों से भी फैल सकता है. ऐसे में अगर आप मंकीपॉक्स से पीड़ित हो तो अपने आपको अन्य लोगों से बचाएं, घरवालों के संपर्क में सीधे न जाए, थोड़ा परहेज रखें, साफ सफाई का ख्याल रखें. कुछ दिन बाद ही सारी चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगे.
फिलहाल लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जा रही हैं, जो कारगर हैं, हालांकि रोग के इलाज के लिए विशेष दवा या टीका नहीं है. यात्रा से लौटने के बाद अगर 21 दिन के भीतर बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होती है, तो बिना देर किए जांच कराएं वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दें. मंकीपॉक्स की जांच के लिए देश भर में 15 लैब संचालित हैं.
पढ़ेंःपढ़ेंः मंकीपॉक्स को लेकर यूपी में अलर्ट, कोविड अस्पतालों में 10 बेड आरक्षित
ऐसे फैलता हैं मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स से पीड़ित जानवर जानवर या व्यक्ति के शरीर से निकले संक्रमित फ्लूइड के संपर्क में आने संक्रमित जानवर के काटने, छूने आदि कारणों से मंकीपॉक्स फैलता है. खासकर चूहों, गिलहरियों और बंदरों द्वारा यह अधिक फैलता है. वहीं, मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के आस-पास रखी चीजों को छूने से भी मंकीपॉक्स का खतरा बना रहता है. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी मंकीपॉक्स होता है, जो पहले से ही पीड़ित हैं.
घबराने की जरूरत नहीं
डॉक्टर आनंद बताते हैं कि मंकीपॉक्स खतरनाक बीमारी नहीं है. इसे कोविड या एचआईवी से तुलना करना गलत है. मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स की तरह ही एक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में आई है. यह 15 दिन में ठीक हो जाता है, इसमें अधिक घबराने की जरूरत नहीं है. अगर आपको कोई ऐसे लक्षण समझ में आ रहे हैं. जो मंकीपॉक्स से जुड़ा हुआ है तो आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी प्राथमिकी जांच कराएं. इसके बाद डॉक्टर से परामर्श लें.