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अयोध्या भूमि विवाद: यूपी में अलर्ट, फैसला आने में चंद दिन बाकी

अयोध्या भूमि विवाद के फैसले को लेकर पूरे यूपी में अलर्ट है. यूपी के जिलो में बैठकें, पैदल मार्च निकाल लोगों को यह समझाया जा रहा है कि आपसी सौहार्द बनाए रखें. फैसला चाहे जो भी हो सभी को उसका सम्मान करना है.

अयोध्या भूमि विवाद फैसले को लेकर यूपी में अलर्ट.

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Published : Nov 7, 2019, 2:19 PM IST

लखनऊ:अयोध्या भूमि विवाद का फैसला आने में चंद दिन बाकी है. ऐसे में पूरे प्रदेश में मीटिंग और पैदल मार्च निकाल लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि जो भी अफवाह या गलत गतिविधियों में लिप्त होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अयोध्या भूमि विवाद फैसले को लेकर यूपी में अलर्ट.

लखीमपुर खीरी में डीएम की दो टूक
अयोध्या भूमि विवाद का फैसला आने वाला है. ऐसे में जिले में प्रशासन ने कमर कस ली है. यूपी के सबसे बड़े खीरी जिले में जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जिले में धारा 144 लागू है. फैसला आने के बाद कोई जुलूस या जलसा नहीं होगा. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने दो टूक कहा है कि किसी ने भी गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन की पैनी निगाह है. नेपाल बॉर्डर पर भी सघन जांच के बाद ही लोगों को आने-जाने दिया जाएगा.

मेरठ में शुरू हुआ मीटिंग का दौर
अयोध्या भूमि विवाद के फैसले का दिन निकट है. ऐसे में जनपद में अयोध्या फैसले से पहले मीटिंग का दूर शुरू हो गया है, जिसके चलते शहर काजी ने उलेमाओं के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया. मीटिंग में मुस्लिम पक्ष के लोगों को समझाया गया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सबको मान्य होगा. सभी लोग हर प्रकार से शांति व्यवस्था बनाए रखें एवं सोशल मीडिया पर भी बारीकी से मैसेजों को सर्कुलर करें, ताकि कोई भी हिंसा न होने पाए. इस दौरान कई मस्जिदों के मौलाना इमाम मीटिंग में मौजूद रहे.

मेरठ में पुलिस प्रशासन अलर्ट
अयोध्या जमीनी विवाद का फैसला आने में चंद दिन बाकी है. ऐसे में मेरठ में भी फैसले को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्यवाही करने की तैयारी कर ली है. इस संदर्भ में मेरठ पुलिस ने कम्युनिकेशन को लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी है. यहीं नहीं एसएसपी ने शहरवासियों को सख्त हिदायत दी है कि जो भी भ्रामक सूचना फैलाते हुए पाया जाएगा, उसे जेल भेजा जाएगा. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर है. सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप पर पुलिस की निगाह बरकरार है.

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