लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अब अपने स्तर से बीबीए व बीसीए की भी सम्बद्धता अपने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज को देगा. विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से इन दो विषयों की मान्यता प्रदान करने के लिए प्रस्ताव अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को बीते महीनों भेजा गया था, जिस पर एआईसीटीई ने हरी झंडी दे दी है. अभी तक एआईसीटीई से एप्रूवल न मिलने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन इन विषयों का संचालन करने वाले काॅलेजों को संबद्धता नहीं दे पा रहा था. ऐसे में प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज को बीबीए और बीसीए कोर्स की मान्यता के लिए अपने परिधि में आने वाले विश्वविद्यालय से संबद्धता लेनी पड़ती थी.
बीबीए व बीसीए की मान्यता दूसरे विश्वविद्यालय की :वर्तमान में विश्वविद्यालय से पूरे प्रदेश में 750 से अधिक इंजीनियरिंग वर्क मैनेजमेंट काॅलेज सम्बद्ध हैं. इन काॅलेजों में बीटेक से लेकर मास्टर डिग्री के कोर्सों का संचालन होता है. यह कोर्स विश्वविद्यालय के निर्देशन में संचालित किये जाते हैं. सम्बद्ध होने की वजह से विश्वविद्यालय इन काॅलेजों में काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लेने के साथ ही परीक्षा व परिणाम जारी करता है, ऐसे में केवल बीबीए व बीसीए के संचालन को लेकर सम्बद्धता का अधिकार नहीं था. एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय के प्रयास से एआईसीटीई ने इन कोर्सों का संचालन करने वाले काॅलेजों को सम्बद्धता देने की अनुमति प्रदान कर दी है.
'तीन साल के लिए एक बार में संबद्धता देगा विश्वविद्यालय' :कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने बताया कि 'एआईसीटीई में उनके ओर से भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है. विश्वविद्यालय प्रशासन सत्र 2024-25 से विश्वविद्यालय स्तर पर बीबीए और बीसीए की मान्यता देना शुरू करेगा. मान्यता देने के लिए जरूरी गाइडलाइन बनाकर उसे मंजूरी के लिए राज भवन भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कुलपति ने बताया कि 'इतना ही नहीं विश्वविद्यालय प्रशासन इन काॅलेजों को तीन साल की सम्बद्धता प्रदान कर सकेगा. आमतौर पर कोई भी विश्वविद्यालय किसी भी कोर्स की मान्यता अगर किसी कॉलेज को देता है तो वह अधिकतम एक साल की होती है. एकेटीयू सभी संबद्धता लेने वाले कॉलेजों को अधिकतम तीन साल के लिए मान्यता प्रदान करेगा. ऐसे में किसी भी कॉलेज का पूरा बैच पढ़ाने के बाद ही उसकी संबद्धता पर आगे विचार किया जाएगा. अलग विश्वविद्यालय से संबद्धता होने के कारण सिलेबस भी अलग होता है.'
'एकेटीयू का सिलेबस थोड़ा एडवांस व अपग्रेड' :कुलपति ने बताया कि 'हमारे सभी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों ने बीबीए और बीसीए विषय की संबद्धता लखनऊ विश्वविद्यालय सहित स्टेट के दूसरे विश्वविद्यालय से ले रखी है. इन सभी विश्वविद्यालय में बीबीए और बीसीए का जो सिलेबस है, वह अलग-अलग है. ऐसे में इन विश्वविद्यालय से जो छात्र बीबीए, बीसीए करके हमारे यहां एमबीए व एमसीए में एडमिशन लेते हैं तो उन्हें थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि एकेटीयू का सिलेबस पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर थोड़ा एडवांस व अपग्रेड है. ऐसे में हमारे सम्बद्ध संस्थानों को दो विश्वविद्यालय से मान्यता लेने की झंझट से छुटकारा भी मिल जाएगा और सारे सिलेबस में एकरूपता भी आएगी.'