लखनऊ : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा को शनिवार देर रात अनियमितता के आरोपों की जांच को देखते हुए डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय से अटैच कर दिया गया है. साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को एकेटीयू के कार्यभार देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई. एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्रा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि 'राजभवन ने उन्हें शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से अटैच किया है. ज्ञात हो कि एकेटीयू में हुए भ्रष्टाचार की शिकताओं पर राज्यपाल ने बीते सोमवार को सख्त कदम उठाते हुए जांच के आदेश दिए गए थे. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एसएन अग्निहोत्री को इन्क्वायरी जज बनाया था.
Vice Chancellor of AKTU : एकेटीयू के कुलपति शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से अटैच, इन्हें मिली जिम्मेदारी
22:10 February 04
भ्रष्टाचार को लेकर एकेटीयू के कुलपति प्रो.प्रदीप कुमार मिश्रा के खिलाफ राजभवन में शिकायत की गई थी. राज्यपाल ने इस मामले में कुलपति और कुलसचिव को भी पत्र भेज कर जांच में सहयोग करने की बात कही है. गौरतलब है कि एकेटीयू के पूर्व कुलपति प्रो.विनय पाठक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद एकेटीयू में एक दूसरे के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. बीते दिनों तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो.अनुराग त्रिपाठी ने कुलपति के विरुद्ध राजभवन में शिकायत की थी, वहीं आईईटी के तत्कालीन निदेशक प्रो. विनीत कंसल का नाम भी भ्रष्टाचार के आरोप में आने के बाद कुलपति ने उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
इस मामले में कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा का कहना है कि 'परीक्षा विभाग में पहले जो कंपनी काम कर रही थी. उसके खिलाफ एसटीएफ की जांच शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय का परीक्षा संबंधित सभी काम ठप हो गया था. ऐसे में विश्वविद्यालय के रिजल्ट जारी कराने व नई कंपनी के चयन होने तक 3 महीने के लिए एक कंपनी का चयन कर परीक्षा परिणाम तैयार करवा कर जारी किया गया था.' कुलपति ने बताया कि 'इसी पूरी कार्रवाई की शिकायत पूर्व परीक्षा नियंत्रक अनुराग त्रिपाठी ने की थी. इसके बाद पहले एक जांच कमेटी गठित हुई अब राजभवन ने मुझे शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से अटैच कर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति को कार्यभार की जिम्मेदारी सौंप दी है. प्रोफेसर मिश्रा ने अंत में कहा कि शायद यही रामराज्य है.'
वहीं दूसरी ओर एकेटीयू में हुई अनियमितताओं को लेकर पूर्व कुलपति प्रो. विनय पाठक पर एफआईआर दर्ज होने व पूरा मामला सीबीआई में जाने के बाद भी कारवाई ना होने से लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 'इस पूरे मामले में जो मुख्य आरोपी है उस पर आंखें मूंदे हुई हैं. वहीं मौजूदा कुलपति पर शिकायत होने पर राजभवन बड़ी तत्परता से कार्रवाई कर रहा है. राजभवन की इस तत्परता की चर्चा राजधानी के सभी विश्वविद्यालयों में चर्चा का विषय बन गया है.