लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्रावधिक विश्वविद्यालय द्वारा गुरुवार को राज भवन स्थित गांधी सभागार में राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने हेतु प्रोत्साहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार पाठक ने कहा कि कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय सामाजिक सहभागिता के क्षेत्र प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है.
कुलपति विनय कुमार ने बताया कि कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने की मुहिम में संबंध संस्थानों को जोड़ने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में लखनऊ के 26 निजी संबंध संस्थानों द्वारा 260 कुपोषित एवं 260 टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लिया गया है. उन्होंने बताया कि देश में होने वाली शिशु मृत्यु दर में से लगभग 46 फीसदी शिशु कुपोषण के कारण अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसे में कुपोषित और टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके पुनर्वास के लिए कार्य करना सराहनीय कदम है.
एकेटीयू के कुलपति विनय कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में पोर्टल बनाकर गोद लिए गए कुपोषित और टीबी ग्रस्त बच्चों की मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं इस कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कुपोषण को रोकने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वच्छता की सुनिश्चित आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर गैस कनेक्शन, बर्तन, बच्चों के लिए बैठने हेतु आसन की व्यवस्था आवश्यक है.
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया कि कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने के साथ ही संबद्ध संस्थान 5-5 आंगनबाड़ी केंद्र भी गोद लें. संस्थान आंगनबाड़ी केंद्र पर बर्तन, बच्चों के लिए बैठने हेतु आसन, खिलौने, पुस्तक आदि डोनेट करें, जिससे बच्चों की केंद्र पर जाने की रुचि जागृत हो. उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों ने गांव गोद लिए हैं, वह उन गांव में जाकर लोगों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे ड्रॉपआउट बच्चों के प्रतिशत को नियंत्रित किया जा सके.
कुलाधपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी बच्चों में कुपोषण का बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि देश में लगभग 40 से 50 फीसदी बालिकाएं /महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी का शिकार हैं. ऐसे में हमें बालिकाओं/महिलाओं के पोषण संबंधी विषय पर व्यापक रूप से जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पूरे देश के 20% टीबी ग्रस्त रोगी उत्तर प्रदेश में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प के क्रम में 2025 तक देश को टीवी से मुक्त कराना है. इसके लिए सामाजिक सहभागिता की आवश्यकता है.
कुलाधिपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों को विज्ञान के विषयों के साथ वाणिज्य और कला के विषयों को चयन करने की स्वतंत्रता होगी. ऐसे में हमें अपने शिक्षकों के ओरियंटेशन के लिए प्रयास शुरू करने चाहिए. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में संस्थानों को स्वायत्तशासी बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. प्रदेश में 19 संस्थानों को स्वायत्तशासी बनाया जाएगा, जो सभी मानक पूर्ण करने के साथ सामाजिक सहभागिता के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान देंगे.
इस कार्यक्रम में एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, अपर मुख्य सचिव राधा एस चौहान, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश गुप्ता, जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश एवं लखनऊ क्षेत्र के विश्वविद्यालय के संबद्ध संस्थानों के चेयरमैन एवं निदेशक उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने के लिए विश्वविद्यालय के सम्बद्ध संस्थानों को प्रेरित करना रहा.