लखनऊ:डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) का 22वां स्थापना दिवस समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर विश्वविद्यालय ने सम्बद्ध उन संस्थानों को सम्मानित किया, जिन्होंने एनबीए, एनआईआरएफ, एआरआईआईए में रैंकिंग और नैक में ग्रेडिंग हासिल किया. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में विभिन्न लैब का भ्रमण कर उनकी जानकारी ली. उन्होंने वहां गूगल कोड लैब, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन लैब, साइबर सिक्योरिटी लैब, नैनोटेक्नोलॉजी लैब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब और इन्नोवेशन हब का निरीक्षण किया.
इस मौके पर उन्होंने परिसर के बाहर आम का पौधा भी लगाया. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह बहुत हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस 22 सालों में विश्वविद्यालय ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है. 25 साल पूरा होने पर इस विश्वविद्यालय का सिल्वर जुबली मनाया जाएगा. इसलिए सोचना होगा कि उस वक्त तक हम क्या कर सकते हैं. कहां की प्रधानमंत्री का सपना है कि आजादी के 100 वर्ष पूरा होने पर देश हर क्षेत्र में विकसित हो इसके लिए अभी से सभी को कार्य करना होगा. कहा कि हमें यह सोचना होगा कि हम किस तरह अपने संसाधनों और तकनीक का इस्तेमाल कर आने वाली पीढ़ी को तैयार कर देश को आगे ले जाएं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने तमाम रास्ते खोल दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने बहुत लचीलापन ला दिया है. जरूरत है हमें इस अवसर का लाभ लेने की.
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि एनईपी ने हमें बहुत सहूलियत दी है. इसके तहत हम अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकते हैं. कहां की हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए. इसलिए अगर इंजीनियरिंग की पढ़ाई छात्र हिंदी में करें तो वह अपना बेहतर दे सकते हैं. हमें तकनीकी भाषा को हिंदी में आसान बनाना होगा. उन्होंने तकनीकी का हिंदी शब्दकोश बनाने का सुझाव दिया. कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को भागीदारी होना चाहिए.