लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फतेहपुर जिले में पत्रकारों पर हुई कार्रवाई पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि समाज को सशक्त, जागरूक और लोकतांत्रिक बनाने में पत्रकार की अहम भूमिका होती है. ऐसे में पत्रकारों पर कार्रवाई कर प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों को छिपा रही है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सच से डरती है, वह हर मोर्चे पर झूठ की राजनीति करने में विश्वास रखती है. इसलिए समाचार पत्र और स्वतंत्र पत्रकार सरकार की आंखों में खटकते हैं.
अखिलेश यादव ने पत्रकारों पर कार्रवाई और फर्जी शिक्षिका मामले में बीजेपी को घेरा - अखिलेश यादव ने पत्रकारों की कार्रवाई पर जताया विरोध
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार के लोग शिक्षिका के फर्जीवाड़े में शामिल हैं. वहीं उन्होंने फतेहपुर में जिला प्रशासन के द्वारा पत्रकारों पर की गई कार्रवाई पर भी विरोध जताया.
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपा सरकार समाजवादी पार्टी की लैपटाॅप बांटने की दूरदर्शी योजना को जारी रखती, तो लाॅकडाउन के दौरान शिक्षा गांव-गांव तक पहुंचती. ग्रामीण क्षेत्रों ने रहने वाले तमाम छात्र स्मार्टफोन और लैपटाॅप के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रह गए.
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपाई गलती से युवाओं का एक साल बर्बाद हो गया. इसका जवाब नई पीढ़ी आने वाले चुनाव में देगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 सेवा शुरू की थी. इसके लिए अत्याधुनिक वाहनों की व्यवस्था की गई थी, जिससे वे घटना स्थल पर जल्द से जल्द पहुंच सके लेकिन भाजपा राज में पुलिस का चक्का गरीब किसान की सब्जी रौंदने के काम आ रहा है.
अखिलेश ने कहा कि प्रयागराज के घूरपुर सब्जीमंडी में पुलिस का शर्मनाक कारनामा दिखा है. साथ ही कहा कि आपराधिक घटनाओं में भाजपा नेताओं, सांसदों और विधायकों की संलिप्तता दिखाई देती है. सुनने में ही बड़ा अजीब लगता है कि एक फर्जी शिक्षिका 25 विद्यालयों में नियुक्ति और वेतन लेने में सफल हो जाती है. साल भर से यह खेल चलता रहा था. स्वाभाविक है कि बिना भाजपा के लोगों के शामिल हुए यह फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता है.