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जिन्ना के बयान पर कायम अखिलेश, SP सुप्रीमो की नसीहत सुन भड़की BJP - Lucknow political news

मोहम्मद अली जिन्ना यूपी की राजनीति में फिर से प्रासंगिक हो गए हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिन्ना की बराबरी सरदार पटेल और महात्मा गांधी से कर दी थी, जिसके बाद भाजपा ने उन पर तीखे तेवर अख्तियार किए थे. वहीं, एक बार फिर जब अखिलेश यादव से उनके जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे अब भी अपने बयान पर अडिग हैं. ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव

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Published : Nov 6, 2021, 2:34 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 5:07 PM IST

लखनऊ:मौका था राजधानी में जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के प्रांतीय कार्यालय के उद्घाटन का. जिसमें एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव भी मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना वाले सवाल पर कायम रहते हुए बीजेपी को दोबारा किताबें पढ़ने की नसीहत दे दी. उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि उन्हें किताबें पढ़नी चाहिए.

अब अखिलेश के अपने बयान पर अडिग रहने के बाद भला बीजेपी कैसे शांत रहती. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने उन पर जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति के खलनायक मोहम्मद अली जिन्ना की बराबरी सरदार पटेल से करने वाले अखिलेश यादव को अपने इस बयान का परिणाम भुगतना होगा. उनको शायद ऐसे लोगों का समर्थन करने में खुशी होती है, जो भारत से पाकिस्तान के जीतने पर पटाखे जलाते हैं. मोहम्मद अली जिन्ना कभी देश के नायक नहीं हो सकते. जब-जब जिन्ना का नाम सामने आता है, तब-तब विभाजन की त्रासदी याद आती है. लाखों लोगों का कत्ल याद आता है. इसके साथ ही महिलाओं और बहनों के साथ अत्याचार की याद आती है. अखिलेश यादव को अपना यह बयान महंगा पड़ेगा.

एसपी सुप्रीमो की नसीहत सुन भड़की बीजेपी

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गौरतलब है कि एसपी सुप्रीमो ने अपने एक बयान में मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महापुरुषों से कर दी थी. जबकि जिन्ना को देश के विभाजन का खलनायक माना जाता रहा है. इसी बात को लेकर सत्ताधारी बीजेपी उनपर हमलावर है. जिन्ना को लेकर यूपी की सियासत का तब और पारा और चढ़ गया, जब अखिलेश पत्रकारों से बातचीत में बीजेपी को ही नसीहत देते दिखे कि उन्हें किताबें पढ़नी चाहिए. अगर वो किताबें पढ़ेंगे, तो उन्हें खुद ही पता चल जाएगा. फिर क्या था बीजेपी को बैठे-बिठाए एक और चुनावी मुद्दा एसपी सुप्रीमो ने थमा दिया. जो अब यूपी की सियासत का पारा और बढ़ा रहा है.

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Last Updated : Nov 6, 2021, 5:07 PM IST

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