लखनऊ :सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बयान जारी कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. रविवार को जारी किए गए बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि यह बात ढकी-छुपी नहीं है कि भाजपा की राजनीति अपने मातृ संगठन RSS के निर्देश पर नफरत और समाज को बांटने की है. हाल ही में प्रदेश में जो भयंकर अशांति की घटनाएं हुईं, उसके पीछे बीजेपी की राजनीति है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाई बिगड़े बोल से एक बड़ा समुदाय आहत हुआ है. भाजपा सरकार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण विवाद की समाप्ति और संंबंधित पक्ष के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे संकट की स्थिति भयंकर रूप ले रही है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में दुनिया भर में उत्तर प्रदेश की बदनामी हुई है. बीजेपी की सरकार में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार की अवमानना की गई है.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिसमें बीजेपी पूरी तरह से विफल साबित हुई है. हर क्षेत्र में अपनी नाकामी छुपाने के लिए मुख्यमंत्री झूठे किस्से-कहानियां गढ़कर लोगों को गुमराह करने में लगे रहते है. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का रवैया अभी भी न्याय संगत नहीं दिखाई देता है. अखिलेश यादव ने कहा कि भारत का संविधान लोकतंत्र, समाजवाद के साथ पंथ निरपेक्षता को मान्यता देता है. यह सभी धर्मों का सम्मान करने का भरोसा देता है. उत्तर प्रदेश गंगा-जमुनी मेल मिलाप का प्रदेश रहा है. परस्पर सद्भाव और सौहार्द के साथ हम सभी त्योहार मनाते हैं और सामाजिक कार्यों में सहभागी रहते है.
इस एकता को तोड़ने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को बिना वैधानिक प्रावधान के किसी के मकान-दुकान को बुलडोजर से गिराना, अज्ञात के नाम पर निर्दोषों की धर पकड़, समुदाय विशेष को दोषी ठहराने की कोशिशें आदि की अनुमति न तो हमारी संस्कृति न धर्म-विधान और न ही संविधान देता है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को स्थिति का स्वयं संज्ञान लेकर तत्काल कठोर कार्रवाई के लिए निर्देश देना चाहिए. जिससे प्रदेश में अमनचैन और परस्पर विश्वास बनाए रखने के लिए सरकार की मनमानी व सत्ता के दुरूपयोग पर अंकुश लग सके. अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि 'ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा रही है. इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान.'
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