लखनऊः एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि विधान परिषद स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन 2022 के लिए 9 अप्रैल को होने वाले मतदान में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे. उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को विशेष प्रबंध करने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री और दूसरे भाजपा नेता विधान परिषद की सभी सीटें जीत लेने का बयान दे रहे हैं, उससे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने पंचायत चुनावों में जिस तानाशाही से विपक्ष के नामांकन पत्रों की लूट की. उससे ये बात स्पष्ट हो गई है कि बीजेपी का लोकतंत्र और स्वतंत्र-निष्पक्ष निर्वाचन में तनिक भी विश्वास नहीं है. स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद चुनावों में भी बीजेपी सरकार के दबाव में निर्विरोध चुनाव का नाटक किया गया. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के परिपेक्ष्य में ये निष्कर्ष निकलता है कि बीजेपी सरकार इस चुनाव में भी धांधली से बाज नहीं आने वाली है. वो विधान परिषद में जबरन बहुमत बनाने की साजिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि ये बात तो अब स्पष्ट हो गई है कि बीजेपी सरकार को निर्वाचित संस्थाओं में अपना बहुमत बनाने के लिए प्रशासन का दुरुपयोग करने में जरा भी संकोच नहीं है. अधिकारियों के माध्यम से ग्राम प्रधानों, बीडीसी और अन्य मतदाताओं को डरा-धमका कर प्रलोभन देकर बीजेपी सरकार अब विपक्ष मुक्त और अपना एकाधिकार शासन उत्तर प्रदेश पर लादना चाहती है. लोकतंत्र के लिए बीजेपी का ये आचरण खतरे की घंटी है. उसे अपने कुकृत्यों के लिए जरा भी लोकलाज नहीं है.