लखनऊः सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में लगभग 47 श्रमिक संगठनों, समाज सेवियों, वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों, घुमंतू तथा लघु एवं मध्यम उद्यमों के श्रमिक प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिना किसानों-मजदूरों का हित किए कोई भी विकास नहीं हो सकता है. आज महंगाई की मार सबसे ज्यादा श्रमिकों और समाज के कमजोर वर्ग पर पड़ रही है. भाजपा की प्राथमिकता में पूंजीपतियों का हित साधना है. श्रमिकों के लिए अहितकारी कानून बनाए जा रहे हैं. उनके हक और सम्मान का संघर्ष जारी रखना है.
अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ताधारी दल द्वारा प्रलोभन एवं सत्ता का बढ़ता दुरूपयोग लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती है. भाजपा के षडयंत्र अब उजागर होते जा रहे हैं. इससे उम्मीद बंधी है कि सन 2024 में देश में लोकतंत्र की बहाली होगी. अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का साथ देने के लिए श्रमिक भाइयों का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी श्रमिकों के साथ है. समाजवादी सरकार में मजदूरों के पक्ष में कई निर्णय लिए गए थे और योजनाएं लागू की गईं थी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को अनाथ छोड़ दिया गया था. भाजपा सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की. पैदल चलते 90 मजदूरों की मौत हुई, जो श्रमिक अपने गांव जा रहे थे. श्रमिकों को समाजवादी पार्टी ने मदद दी और प्रत्येक मृतक आश्रित को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी.