लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में प्रबंधन में भारी नाकामी रही. बड़ी तादाद में शहरों और गांवो में हो रही मौतों से जनता में रोष है. पंचायत चुनावों में सपा के मुकाबले पिछड़ जाने से खिसियायी, बिलबिलायी बीजेपी सरकार जनता से बदला लेने के लिए आपदा में आपदा खड़ी करने के फार्मूले पर उतर आई है. भाजपा की नीति और नीयत में खोट के चलते ही देश-प्रदेश मंहगाई की मार से कराह रहा है. किसान बेहाल है, नौजवान बेकारी का शिकार है और इस सबसे संवेदनशून्य बीजेपी सरकार ने केवल अपना घर भरने और सत्ता सुख के संसाधन जुटाने में ही 4 साल बिता दिए हैं. आज भी वह इसी एजेंडा पर काम कर रही है.
अर्थ-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई-अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार की कुनीतियों के चलते प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. उद्योग धंधे और व्यापार बंद पड़े हुए हैं. श्रमिक बेरोजगारी में नमक-रोटी भी नहीं जुटा पा रहे है. पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार होने वाली बढ़ोत्तरी से परिवहन मंहगा होने के साथ खाद्य पदार्थो का भी बाजार में अभाव हो रहा है. भयावह हालात में गुजरते प्रदेश वासियों को राहत देने की जगह बीजेपी सरकार ने अब बिजली की दरों में वृृद्धि का भी इरादा कर लिया है. बड़ी कंपनियों की समर्थक बीजेपी सरकार को गरीब की नहीं, अमीरों की तिजोरियां भरने की ज्यादा चिंता रहती है. इसलिए पावर कारपोरेशन और राज्य सरकार ने सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने को कहा है. इससे बिजली 12 प्रतिशत तक महंगी हो जाएगी. बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया. समाजवादी सरकार के काम भी रोक दिए पर जनता पर बोझ लादने में उसे लोकलाज नहीं है.