लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP National President Akhilesh Yadav) ने कहा कि पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों में आई जागरूकता और उनकी बढ़ती ताकत के सामने सामाजिक न्याय विरोधी ताकते भी अब झुकने को मजबूर हैं. समाजवादी और कमेरावादी लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. सामाजिक न्याय विरोधी ताकतें जातीय जनगणना का विरोध कर रही थी, लेकिन अब वह भी अपनी नीति बदलने पर मजबूर हैं, अब वह भी कह रही हैं जातीय जनगणना का विरोध नहीं करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में अपना दल (कमेरावादी) के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे.
यादव ने कहा कि बिना जातीय जनगणना के सामाजिक न्याय अधूरा है. जातीय जनगणना होने से समाज में सभी जातियों की संख्या का पता चलेगा, जिससे उन्हें आबादी के अनुपात में हक और सम्मान मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव और अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने समाज के गरीब, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों को जगाने का काम किया, उनके लिए संघर्ष किया. दोनों नेताओं ने संघर्ष का जो रास्ता दिखाया है उसे पर आगे चलना है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग साथ आए हैं अगर इसी तरह से गठबंधन बना रहेगा तो आने वाले समय में परिवर्तन होना तय है. उन्होंने कहा कि हमें जो विरासत में मिला है हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ी को उसे और अच्छी तरह से मजबूत बनाकर दें. दोनों दलों का लक्ष्य एक है.