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UP Election 2022: अखिलेश यादव बोले- भाजपा को लोकतंत्र, संविधान और समाजवाद से एलर्जी

समाजवादी पार्टी (Smajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बयान जारी कर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा को लोकतंत्र, संविधान और समाजवाद से परहेज है.

अखिलेश यादव.
अखिलेश यादव.

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Published : Jan 30, 2022, 10:25 PM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी (Smajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को बयान जारी कर भाजपा पर तंज कसा है. जारी बयान में अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में समाज का हर वर्ग दुश्वारियां झेल रहा है. किसान, नौजवान के हालात तो बद से बदतर होते जा रहें हैं. जनसामान्य और महिलाएं असुरक्षाग्रस्त हैं, सिर्फ सत्ता संरक्षित अपराधी बेखौफ हैं. उनका एक मात्र आश्रय स्थल भाजपा है, जहां उन्हें हर तरह की सुरक्षा एवं सम्मान प्राप्त है. खुद सत्तारूढ़ भाजपा में अपराधिक छवि के प्रत्याशियों का शतक पूरा होने में बस एक की कमी रह गई है. अब तक भाजपा द्वारा अपराधी छवि के 99 उम्मीदवारों को टिकट बांटे जा चुके हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा चुनाव का एजेंडा बदलना चाहती है. भाजपा को लोकतंत्र, संविधान और समाजवाद इन तीनों से परहेज है. गांधी जी अंत्योदय के हिमायती थे. भाजपा गरीबों के विरुद्ध साजिश रचती है. उसका पूरा रवैया नकारात्मक सोच से भरा है. भाजपा को सामाजिक मूल्यों, स्वतंत्रता संघर्ष और उसके प्रतीकों सभी से एलर्जी है और उसे सिर्फ और सिर्फ सत्ता की भूख है. सत्ता पाने के लिए वह किसी स्तर तक जा सकती है.

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में जनहित के सभी मुद्दों से दूरी रखी जा रही है. किसान, नौजवान, व्यापारी, अधिवक्ता, शिक्षक, कर्मचारी सहित समाज के सभी वर्ग परेशान है. महंगाई की मार से लोगों की कमरतोड़ दी है. भ्रष्टाचार का बोलबाला है और बेरोजगारी से जूझ रहे नौजवानों की कहीं सुनवाई नहीं है. नौकरी की मांग पर लाठियां मिलती हैं. बेबसी में जवान आत्महत्या को मजबूर होते हैं.

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अखिलेश ने कहा कि किसान की दशा तो और भी खराब है. उसे न तो फसल की एमएसपी मिलती है न ही उसकी आय दुगनी हुई. कर्जमाफी के नाम पर भी उसको धोखा मिला. नोटबंदी से न भ्रष्टाचार समाप्त हुआ और न ही कालाधन वापस आया. जहां तक कानून व्यवस्था का प्रश्न है, वह पूरी तरह ध्वस्त है. अपराधी सत्ता संरक्षण में बेखौफ हैं. अखिलेश यादव ने कहा है कि साल 2022 में लोकतंत्र की बड़ी लड़ाई लड़ी जानी है. मतदाताओं को बहकाने और गुमराह करने की साजिशें होंगी. हम हर चैलेंज के लिए तैयार हैं. सच को तैयारी की जरूरत नही पड़ती है. हमें बड़े मन से काम करना है.

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