लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार (BJP Government ) में 4 वर्ष केंद्र और 4 वर्ष राज्य सरकार के जोड़कर इनमें उपलब्धियों के नाम पर नतीजा शून्य बटा शून्य ही रहा है. भाजपा ने अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य ढांचा, कानून व्यवस्था को बर्बाद कर रसातल में पहुंचा दिया है. विकास और शांति व्यवस्था के हर मोर्चे पर भाजपा ने अपनी विफलता के झंडे गाड़ रखे हैं. फिर भी भाजपाई गांव-शहर तक अपने झूठे सेवा कार्य की कहानियां बखानने जा रहे हैं. इन्हें 8 वर्षों का हिसाब जनता को देना होगा.
23 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे आ गए
अखिलेश यादव ने कहा कि बढ़ती मंहगाई और गिरती अर्थव्यवस्था (Economy) ने भारतीयों के जीवन ढांचे को ही बदल कर रख दिया है. 2020-2021 में जीडीपी (GDP) की दर में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. 9 मई 2021 का आंकड़ा है कि शहरों में बेरोजगारी दर 17.4 प्रतिशत बढ़ गई है. लगभग 23 करोड़ लोग फिर गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं. लोगों की आय घटी, एक करोड़ से अधिक की नौकरी चली गई. बीमारी, घरेलू खर्च चलाने के लिए लोग काफी कर्ज लेने को मजबूर हुए हैं. अर्थव्यवस्था के नकारात्मक संकेतों के अनुसार जीवनस्तर अभी और गिरावट संभावित है. कोरोना संकट से अभी भी न निपटने की नीति है, न नियत है. इस महामारी से निपटने में भाजपा सरकार की विफलता जगजाहिर है, लेकिन अपनी प्रशंसा के लिए प्रधानमंत्री ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ऐलान कर दिया था कि हमने वैक्सीन के बिना कोविड को हरा दिया. मुख्यमंत्री योगी भी झूठ की नाव में सवार अपनी उपलब्धियों का बखान करते रहे.
भाजपा राज में गांव उपेक्षित
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी सरकार में जो व्यवस्थाएं की गई थी, भाजपा सरकार ने उन्हें द्वेषवश बर्बाद कर दिया. स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से हालात बिगड़ते गए. गांवों में शहरों से ज्यादा संक्रमण फैला. अस्पतालों में लापरवाही की हद हो गई जब भाजपा विधायक तक के परिवारीजनों की जानें चली गई और उनकी शिकायतों पर सुनवाई तक नहीं हुई. राज्य में सत्ता संरक्षित जहरीली शराब पीकर हजारों मौतें हो गई. पंचायत चुनावों में उत्तर प्रदेश में 1600 से ज्यादा शिक्षकों की दुखद मृत्यु हो गई. भाजपा राज में गांव पूर्णतया उपेक्षित है.