लखनऊ: समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में एमवाई (मुस्लिम यादव) समीकरण के साथ ही समाजवादी पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे उतरने की कोशिश में जुटी हुई है, जिससे समाज के सभी वर्गों का उसे साथ मिल सके. इसके लिए नैमिषारण्य में समाजवादी पार्टी के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को कई तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि समाजवादी पार्टी नैमिषारण्य तीर्थ स्थल से हिंदुत्व का संदेश देगी और इसी के सहारे लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ेगी. खासकर समाजवादी पार्टी भाजपा के अयोध्या एजेंडे की काट के रूप में नैमिषारण्य से प्रशिक्षण शिविर शुरू करने की तैयारी कर रही है.
पिछले कई चुनावों में गच्चा खा चुकी समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या एजेंडे को टक्कर देने के लिए उन्होंने राजधानी से करीब 100 किमी दूरी पर स्थित नैमिषारण्य को चुना है. जून के दूसरे सप्ताह में नौ एवं 10 जून को प्रदेश भर के समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता वहां मिशन 2024 का प्रशिक्षण लेंगे. सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर लौट रही सपा हवन-पूजन कार्यक्रम से ही अपने मिशन का 'श्रीगणेश' करेगी.
समाजवादी पार्टी अपने पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में मुस्लिम-यादव (MY) फार्मूले पर सरपट दौड़ रही थी. कई कार्यक्रमों में जाली टोपी लगाने के कारण मुलायम सिंह के आगे उनके विरोधियों ने 'मुल्ला' शब्द भी जोड़ दिया था. बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में करीब 19 परसेंट अकलियत आबादी है और यादव 10 फीसदी है.
जानकारों का कहना है कि साल 2014, 2017, 2019 और 2022 की करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी को हिंदुत्व के मुद्दे पर लौटना पड़ रहा है. पार्टी ने इसकी मुकम्मल तैयारी भी कर रखी है. 88 हजार ऋषि मुनियों की धरती नैमिष में पूरे सूबे के सपाई कार्यकर्ता जुटेंगे. कहा जाता है कि इसी धरती से सत्यनारायण भगवान की कथा और श्रीमद्भागवत की कथा भी शुरू हुई थी. वहीं लखीमपुर जिले के गोला गोकर्णनाथ में पार्टी 5 और 6 जून को प्रशिक्षण शिविर करा रही है. गोला गोकर्णनाथ को 'छोटी काशी' भी कहा जाता है. इससे पहले कोलकाता में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब अखिलेश गए थे, तब भी वहां कई देवी-देवताओं के मंदिर में दर्शन पूजन किया था.