लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (akhilesh yadav) विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर आज मंगलवार से समाजवादी विजय यात्रा (Vijay Yatra) की शुरुआत करने जा रहे हैं. अखिलेश यादव मंगलवार को कानपुर के गंगा पुल से अपनी समाजवादी विजय यात्रा शुरू करेंगे और घाटमपुर होते हुए लखीमपुर तक जाएंगे. इस दौरान जगह-जगह अखिलेश यादव का स्वागत और जनसभाएं आयोजित होंगी. अखिलेश यादव अपनी विजय यात्रा की शुरुआत करने के लिए लखनऊ से कानपुर पहुंच चुके हैं.
आपको बता दें कि कानपुर गंगा पुल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का उनके कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर स्वागत और सम्मान किया जाएगा. इसके बाद 8 किलोमीटर चलकर नौबस्ता चौराहे पर दोबारा पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा. यहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मीडिया से भी नौबस्ता चौराहे पर रूबरू होंगे. इसके बाद यह काफिला सीधे कानपुर के घाटमपुर में रुकेगा, जहां फिर से स्वागत समारोह का कार्यक्रम किया जाएगा.
वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी आज से ही अपनी सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं. शिवपाल सिंह यादव मथुरा से अपनी यह परिवर्तन रथ यात्रा शुरू करेंगे, उससे पहले वह मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन-पूजन भी करेंगे. चाचा शिवपाल सिंह यादव व भतीजे अखिलेश यादव आज अपनी सियासी ताकत का एहसास कराने का काम करेंगे.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विजय रैली शुरू करने से पहले बीते सोमवार को अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया था. विजय रैली से पहले आशीर्वाद लेने पहुंचे अखिलेश को पिता मुलायम सिंह यादव ने विजयी भव: का आशीर्वाद दिया है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने जारी बयान में कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आज फिर प्रदेश की त्रस्त-पस्त जनता पुकार रही है. महंगाई, भ्रष्टाचार से लोगों का जीना दूभर हो गया है. किसान, नौजवान, श्रमिक, व्यापारी समाज के सभी वर्ग पीड़ित हैं. किसान महीनों से आंदोलित हैं. उनकी खेती छीनकर चंद पूंजी घरानों को देने की साजिशें हो रही हैं. युवा बेरोजगारी से हताश-निराश हैं. प्रश्न है कि ऐसी अमानवीय सरकार को कब तक जनता सहन करेगी? हमारे मार्गदर्शक डॉ. राममनोहर लोहिया ने कहा था-जिंदा कौमे पांच साल इंतजार नहीं करती.