लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में विधान परिषद चुनाव को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैठक की. इस बैठक में समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित दोनों विधान परिषद के सदस्यों को चुनाव जिताने की रणनीति पर चर्चा की गई. इसके साथ ही नॉमिनेशन पत्र पर विधायकों के दस्तखत भी लिए गए.
यूपी में 28 जनवरी को विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव होना है बैठक से बाहर निकलने वाले विधायकों ने बैठक की तैयारियों और रणनीति के बारे में चर्चा की. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आजमगढ़ जनपद निजामाबाद विधानसभा से विधायक आलम बदी ने कहा कि "इस बैठक में नॉमिनेशन पर साइन कराया गया है और निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति बनाई हैं." वहीं संभल से विधायक पिंकी यादव का कहना है कि "सपा के दोनों नामांकन कल किए जाएंगे और समाजवादी पार्टी ने ऐसी रणनीति बनाई है कि दोनों प्रत्याशियों को जिताया जाएगा." सपा विधायक का कहना है कि "निश्चित रूप से भाजपा के बड़ी संख्या में विधायकों में आक्रोश है. ऐसे में या सभी विधायक समाजवादी पार्टी के टच में है और जोड़-तोड़ की राजनीति के सहारे समाजवादी पार्टी अपने दोनों प्रत्याशियों को जिताएंगी."
हर गलती से मिलता है अनुभव कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी का कहना है कि "निश्चित रूप से जिस तरह से राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था. समाजवादी पार्टी ने 2 दिन की इस बैठक में इसकी पूरी तैयारी कर ली है. शुक्रवार को समाजवादी पार्टी अपना नॉमिनेशन करेगी और इस बार हम लोग शेर के जबड़े से जीत खींच कर लाएंगे उन्होंने कहा कि जो गलती राज्यसभा के चुनाव में हुई थी और गलती विधान परिषद के चुनाव में नहीं होगी और निश्चित रूप से हर गलती से व्यक्ति को अनुभव मिलता है."
12 सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव
प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव होना है. समाजवादी पार्टी ने राजेंद्र चौधरी मोहम्मद हसन को अपना प्रत्याशी घोषित भी कर दिया है. समाजवादी पार्टी के पास 49 विधायक हैं, जबकि एक विधान परिषद सदस्य को जिताने के लिए 32 मतों की आवश्यकता है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के पास कम पड़ रहे मतों को सपा, बहुजन समाज पार्टी और भाजपा के असंतुष्ट विधायकों की मदद से दूसरे प्रत्याशी को भी विधान परिषद भेजना चाहती है.