लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे और बसपा बैकग्राउंड वाले कई नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नई हवा और नई सपा के नारे के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं, इसीलिए उन्होंने जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले पिछड़े और दलित नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अब इन पुराने बसपाई नेताओं के सहारे समाजवादी पार्टी पिछड़े और दलित समाज के लोगों को जोड़ने का अभियान चलाएगी.
दरअसल पिछले कुछ समय से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय समीकरण के हिसाब से संगठन में फेरबदल कर रहे हैं. कास्ट कैलकुलेशन के हिसाब से अखिलेश यादव ने बसपा से सपा में आए नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. अखिलेश यादव की मंशा है कि बहुजन समाज पार्टी से आए नेताओं को अगर बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी तो उनकी बिरादरी के लोगों को पार्टी से जोड़ने में आसानी हो सकेगी. यही कारण है कि उन्होंने इंद्रजीत सरोज, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, सुखदेव राजभर के बेटे कमलाकांत राजभर को पार्टी में पद से नवाजा गया है. ये सभी नेता कभी अपने क्षेत्रों में बसपा के कर्ता-धर्ता थे. इसके अलावा बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. बसपा बैकग्राउंड के रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को भी सपा के राष्ट्रीय संगठन में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है.