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Deputaion of IPS in UP : आखिर किन IPS अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं अखिलेश?

समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दूसरे राज्यों से डेप्युटेशन पर आईपीएस अफसरों (deputaion of IPS in Uttar Pradesh ) को लाने के लिए योगी सरकार पर तंज कसा है. हालांकि उनके तंज के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बीजेपी का आरोप है कि सपा विधायकों पर करवाई से घबराए अखिलेश ने बचाव के लिए आईपीएस अफसरों को निशाना बनाया है.

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Published : Jan 16, 2023, 6:06 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी सुप्रीमों व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को यूपी पुलिस गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने डेपुटेशन पर उत्तर प्रदेश में आए अन्य राज्य के कैडर आईपीएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. हालांकि सत्ताधारी बीजेपी ने अखिलेश पर पलटवार किया है. भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में फले फूले अपराधियों पर शिकंजा कसने की वजह से अखिलेश घबराए हुए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा है की 'यूपी में दूरदराज से जो अधिकारी डेपुटेशन पर आए हैं, उनका मकसद क्या प्रदेश को सरेआम लूटना है. जनता को लूटा जा रहा है, उसका हिस्सा किस-किस को जा रहा है? ऐसे अधिकारी पूरे देश में उप्र पुलिस की छवि बिगाड़ रहे हैं. इनकी तुरंत मूल राज्य में प्रदेश वापसी हो.'

कानपुर में तैनात IPS से विधायक की तनातनी : सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने डेप्युटेशन पर आए आईपीएस अफसरों के बारे में बयान यूं ही नहीं दिया है. अखिलेश ने कानपुर में सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद यह राय रखी है. समाजवादी पार्टी मानती है कि कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात अधिकारी ने उनके विधायक पर बदले की कार्रवाई की है. डेप्युटेशन पर उत्तरप्रदेश आए एक आईपीएस अधिकारी की ताबड़तोड़ कार्रवाई से इरफान की मुश्किलें हर रोज बढ़ रही हैं। माना जा रहा है यही वजह है कि अखिलेश ने डेप्युटेशन पर आए आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
बृजलाल यूपी पुलिस के डीजीपी रह चुके हैं.
सपा सरकार में आईपीएस ने कराई थी किरकिरी : अखिलेश यादव के इस ट्वीट के बाद सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान डेप्युटेशन पर आए अफसरों को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. राज्य सभा सांसद व पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि क्या अखिलेश यादव ये भूल गए है कि वह महाराष्ट्र से लुटेरे आईपीएस अधिकारी को यूपी लाये थे. उसने कानपुर और लखनऊ में तैनाती के दौरान जम कर लूटखसोट की थी. बृजलाल ने दावा किया कि योगी सरकार में तो भ्र्ष्टाचार करने वाले आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. प्रयागराज में तैनात रहे तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा तक लिखवाया गया है. बृजलाल कहते है कि यह अफसोस है कि देश के सबसे मजबूत पुलिस बल के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ऐसा आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी ने अखिलेश को आड़े हाथ लिया : बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में जो अपराधी फल फूल रहे थे, बीजेपी उनपर शिकंजा कस रही है. इसकी वजह से अखिलेश घबराए हुए हैं. दरअसल रामपुर में आजम खान के बाद कानपुर में सपा विधायक इरफान सोलंकी पर हुई पुलिसिया करवाई हुई, इसके बाद अखिलेश यादव ने ऐसे ट्वीट किए हैं. क्यों डेप्युटेशन आते हैं अधिकारी? :डेप्युटेशन की व्यवस्था अधिकारियों की सुविधा के लिए बनाई गई है. नियम के मुताबिक अधिकारी की सिफारिश पर केंद्र सरकार की अनुमति पर उन्हें मूल कैडर से निर्धारित समय के लिए दूसरे राज्य में भेजा जाता है. यह अवधि अधिकतम तीन साल होती है. नियम के अनुसार, अगर पति और पत्नी दोनों प्रशासनिक अफसर हैं तो उनमें से उनका कैडर बदलकर उन्हें भी उसी राज्य में स्थाई तैनाती दी जा सकती है.

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