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भाजपा और आरएसएस दोनों का चरित्र संदिग्ध: अखिलेश यादव - अखिलेश यादव का बीजेपी आरएसएस पर बयान

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों का ही चरित्र संदिग्ध है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश यादव

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Published : Oct 7, 2020, 9:17 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि भाजपा और आरएसएस दोनों का ही चरित्र संदिग्ध है, जिनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है. अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके लोग बड़े-बड़े वादे और मीठी-मीठी बातें करते हैं, जबकि वास्तव में झूठ और कुप्रचार ही दिखाई देता है.

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न तो किसानों और नौजवानों का हित कर पाए और न ही बहू-बेटियों की इज्जत ही बचा पाते हैं. हर तरह से असफल भाजपा सरकार प्रदेश की जनता पर भार बन गई है, जबकि मुख्यमंत्री को विपक्ष से बहुत सी शिकायतें हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश के सीएम को हर वक्त अपनी कुर्सी जाने का डर सताता है. कभी उन्हें कोई साजिश दिखती है तो कभी विपक्ष के पास विजन न होने की शिकायत कही जाती है, जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा का विजन समाज को बांटना और नफरत फैलाकर सामाजिक सद्भाव को नष्ट करना है.

अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इधर-उधर की बहानेबाजी छोड़कर उत्तर प्रदेश साढ़े तीन वर्षों में तबाही के रास्ते पर क्यों चला गया, इसका जवाब सीएम योगी को देना होगा. प्रदेश में सरकारी झूठ का ताजा नमूना है कि अच्छी क्वालिटी के धान का अधिकतम सरकारी रेट 1,888 रूपये क्विंटल निर्धारित है, जबकि किसान इसी धान को 1000 से लेकर 1300 रूपये प्रति क्विंटल तक बेचने को मजबूर है. अखिलेश ने कहा कि क्या किसान की दोगुनी आय का यही तरीका है? किसान को अगली फसल बोने के लिए खाद, बीज, डीजल और कीटनाशक की जरूरत पर कर्ज लेना ही होगा, वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि जब किसान को कर्ज से उबरने का कोई तरीका नहीं दिखता है तो वह आत्महत्या कर लेता है.

'नहीं लग रहे नए उद्योग '
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज युवा बेरोजगार है. साथ ही प्रदेश में न तो पूंजी निवेश हो रहा है और न ही नए उद्योग लग रहे हैं. रोजगार के अवसर सृजित होने के बजाय बाधित होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भर्तियों का हल्ला है, लेकिन छंटनी का जोर है. स्कूल-काॅलेज बंद हैं, लेकिन अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना हुआ है. गांवों में बिजली और नेट कनेक्शन नहीं, लैपटॉप व स्मार्टफोन नहीं है, लेकिन बीजेपी सरकार ऑनलाइन पढ़ाई के कसीदे पढ़ रही है. हाथरस की घटना को लेकर अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में एक बार फिर से हैवानियत हुई है, जहां हाथरस में एक बेटी पर हुए अत्याचार को यूपी सरकार ने विपक्षी साजिश बता दिया और आधी रात में ही पीड़िता का शव जलाने वाली सरकार अब कौन सा नया बहाना पेश करेगी?

'कानून व्यवस्था पर भारी संकट'
अखिलेश यादव ने मथुरा में पुस्तक व्यवसायी की हत्या, कानपुर देहात में लापता युवक की हत्या, कौशाम्बी में छेड़खानी का विरोध करने पर महिला की हत्या, बरेली में छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म और गोरखपुर में दिव्यांग किशोरी से दुष्कर्म और प्रदेश में हुई तमाम घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि लगता है कि यूपी में अपराधों की बाढ़ आई हुई है, जिसके चलते वर्तमान समय में जनता बुरी तरह से त्रस्त है. पूर्व सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक हर 15 मिनट में यहां रेप की एक घटना हो रही है. महिलाओं के साथ अपराध वर्ष 2018 में 59,445 थे, जो वर्ष 2019 में 59,853 की संख्या में पहुंच गए. अखिलेश ने प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भारी संकट बताते हुए कहा कि पता नहीं राज्यपाल महोदया इसका स्वतः संज्ञान ले रही हैं या नहीं. उन्हें अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करते हुए केंद्र को प्रदेश के बिगड़ते हालात पर संस्तुति तो भेजनी ही चाहिए.

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