लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में जनता बुरी तरह त्रस्त है. कमजोरों पर भाजपा सरकार की दहशतगर्दी इतनी बढ़ी हुई है कि लोग विधानभवन के सामने ही आत्मदाह करने को मजबूर हो रहे हैं. जबकि विधानभवन और लोकभवन ऐसे स्थान हैं, जहां मुख्यमंत्री उनका मंत्री मंडल और मुख्यसचिव सहित शीर्ष विभागीय अधिकारी बैठते हैं.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश का विकास ठप्प है. जनता मंहगाई, बेराजगारी, लूट, हत्या, अपहरण जैसी घटनाओं से डरी और सहमी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं और बच्चियों को आए दिन छेड़छाड़ और दुष्कर्म का शिकार होना पड़ रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह मान लिया है कि प्रदेश में उनकी सरकार के गिने-चुने दिन ही रह गए हैं. हर मोर्चे पर विफलता के नाते वे आगामी आम चुनाव में टिक नहीं पाएंगे. इसलिए इन दिनों बिहार के चुनाव प्रचार में लग गए हैं. क्योंकि न यहां रहेंगे और न जनता की चीख पुकार सुनाई देगी.
कमजोरों पर अत्याचार बढ़ रहा
अखिलेश यादव ने कहा कि जिलों में कहीं सुनवाई न होने, न्याय न मिलने से परेशान लोगों को आत्मदाह के अलावा दूसरा रास्ता नहीं सूझता है. कमजोरों पर सरकार का अत्याचार बढ़ता जा रहा है. दलितों पर अत्याचार के मामले सभी हदें पार कर गए हैं. बाराबंकी में दुकान पर कब्जे और लखनऊ में मकान मालिक के उत्पीड़न से क्षुब्ध लोगों ने कल आत्मदाह का रास्ता अपनाया. इसी तरह महाराजगंज से आई एक महिला ने भी खुद को आग लगा ली थी. प्रदेश के सर्वाधिक सुरक्षित क्षेत्र में आत्मदाह की घटनाएं सरकार के संवेदनहीन एवं अमानवीय होने का प्रमाण है.