लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज सपा मुख्यालय में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी के फ्रंटल संगठनों के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की औऱ चुनावी तैयारियों पर मंथन किया. इस दौरान उन्होंने प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी नेताओं से फीडबैक लिया.
चुनावी तैयारियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए धरातल तक पहुंचाने का निर्देश दिया. कहा कि बीजेपी से सावधान रहते हुए लोगों को जागरूक करें और चुनावी तैयारियों को अंजाम तक पहुंचाएं. कार्यकर्ता कमर कस लें और लोगों को बताएं कि सपा और भाजपा में क्या अंतर है. सपा सरकार में आगरा एक्सप्रेसवे बनाया गया साथ ही अन्य तरह के विकास से जुड़े काम कराए गए, जबकि भाजपा सरकार में तमाम तरह की अव्यवस्थाएं हावी रहीं. युवाओं को रोजगार नहीं दिया गया. 69000 शिक्षक भर्ती की समस्या है. उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए हर स्तर पर मेहनत करें.
कार्यकर्ताओं से अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के एक भी वादे को पूरा नहीं किया है. भाजपा की विदाई और समाजवादी पार्टी को सत्ता सौंपने का राज्य के मतदाताओं ने निर्णय कर लिया है. भाजपा द्वारा लोकतंत्र पर हमला जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. 10 मार्च 2022 को लोकतंत्र के पक्ष में परिणाम आ जाएगा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा जनता ने स्वयं चुनाव लड़ने का इरादा कर लिया है.
यह चुनाव किसानों, नौजवानों, महिलाओं के मान सम्मान का चुनाव है. प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है. चुनाव में भाजपा का सफाया होना तय है. यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को समस्याओं में उलझा दिया है. भाजपा राज में किसानों को कुचल कर मार दिया, नौजवानों पर लाठियां बरसाईं और नौकरी-रोजगार छीना है.
किसानों को धोखा दिया. नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया. किसान की आय दुगुनी तो नहीं हुई. उसकी कमाई आधी और महंगाई दुगनी हो गई है. भाजपा ने गरीब की जेब काटी और अमीरों की तिजोरी भरी इसीलिए जनता भाजपा के विधायकों-सांसदों को गांव में नहीं घुसने दे रही है, जनता भाजपा के खिलाफ खड़ी है.