लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने बयानों से तीखा प्रहार किया है. उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार को भी नहीं बख्शा. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों व श्रमिकों को गुमराह करने के लिए घोषणाएं पर घोषणाएं कर रही है लेकिन उनका क्रियान्वयन कहीं होता नहीं दिखाई देता है. प्रधानमंत्री के एक भाषण से दूसरे भाषण तक उनकी सभी जिम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं. उनकी आत्मनिर्भरता की बात में तो तनिक भी दम नहीं. यह उनके पांच साल पहले के तमाम वादों की कड़ी भर है. उनके मन की बात से तो यह लगता है कि हर कोई अब अपने जानमाल का खुद जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश को बहुत कुछ दे दिया है. किसान और मजदूर ढूंढ़ रहे हैं, कहां है, क्या दिया है? अपने पांवों पर खड़े होने में आर्थिक मदद देने के बजाय उसे और कर्जदार बनाने की साजिश है.
अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री जिस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, उसकी सफलता बगैर किसानों के योगदान के सम्भव नहीं है. वह अन्नदाता हैं, भाजपा उसे भिखारी समझने की गलतफहमी न पाले. किसानों की मेहनत और उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देना है तो भाजपा सरकार को भण्डारण, संरक्षण की उचित व्यवस्था करनी होगी. ताकि अनाज, फल-सब्जी जल्दी खराब न हो. ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था समाप्त हो. किसानों को बैंक के बजाय सीधे कार्य पूंजी देने का इंतजाम हो. क्रय केन्द्रों से गेहूं की खरीद हो और बिचौलियों की लूट खत्म की जाए.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हाल में जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए हैं, वह सिर्फ छलावा है. जब क्रय केन्द्र नहीं है तो किसान अपनी उपज कहां बेचेगा? सरकारी नीतियों में विसंगतियों के चलते भी किसान परेशान हैं. मसलन मक्का और ऑयल सीड की खरीद ज्यादातर मुर्गी पालन उद्योग में होती है. जब पोल्ट्री उद्योग सरकार ने बंद किया तो मक्का खरीद भी बंद हो गई. किसान की बोई फसल बर्बाद हो गई. भाजपा सरकार के रहते किसानों को कोई आर्थिक लाभ होने वाला नहीं है. जब प्रदेश में ही मण्डियों में उसकी फसल बिक नहीं पा रही है तो वह दूसरे प्रदेशों में बिना सरकारी मदद के कैसे जा पाएगा?