लखनऊ: देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के प्रति भाजपा सरकार का रवैया उपेक्षा पूर्ण है. भाजपा को देश की नहीं सत्ता की फिक्र है.
बेरोजगारी में इजाफा, आत्महत्या में वृृद्धि
सपा मुखिया ने कहा कि आज हालात ये हैं कि खाने पीने से लेकर तमाम आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे लोग तबाह हो रहे हैं. किसान की आय तो दोगुनी नहीं हुई, लेकिन किसानों की आत्महत्या दोगुनी जरूर हो गई हैं. वहीं, नौजवानों की बेरोजगारी में लगातार इजाफा हो रहा है.
अर्थव्यवस्था पर विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा अर्थव्यवस्था में सुधार के चाहे जो भी दावे करे, लेकिन सच्चाई यह है कि देश विदेश के आर्थिक विशेषज्ञों ने भी देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट और विकास दर पांच फीसदी की आधी ही रह जाने की चेतावनी दी है. भाजपा सरकार के लिए चालू वित्त वर्ष में 2019-20 में 65 हजार करोड़ रुपये के संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं दिख रहा है. आर्थिक विश्लेषक एजेंसी फिच सोल्यूंसस ने भी भारत की विकास दर में गिरावट का अंदेशा जताया है.
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कर्ज चुकाने में चूक सकती हैं कंपनियां
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बीते माह मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियो में कुछ नरमी देखी गई. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के अनुसार वर्तमान में कॉरपोरेट जगत के 10.5 लाख करोड़ रुपए एनपीए में तब्दील होने का संकट मंडराने लगा है. एजेंसी का कहना है कि आर्थिक सुस्ती के चलते कंपनियां अगले तीन वर्ष के दौरान 10.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने में चूक सकती है.
देश गंभीर आर्थिक संकट की ओर
अखिलेश यादव ने कहा कि इन दिनों बेरोजगारी की दर बढ़कर 7.78 फीसदी पर पहुंच गई है. सेन्टर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी 7.37 फीसदी पर पहुंच गई है. भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश गम्भीर आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है. भाजपा सरकार अपने बचाव में ही सीएए, एनआरसी, एनपीआर जैसे नए-नए नारे लगाने में व्यस्त है. उसे देश की नहीं अपनी सत्ता को बचाए रखने की फिक्र है.