लखनऊ: लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही सभी पार्टियां एक दूसरे पर हमला करने में लग गई हैं. कांग्रेस से गठबंधन तय न होने के बाद से सपा और बसपा दोनों एक साथ मैदान में उतरे हैं. मायावती जहां सपा के लिए प्रचार करती दिख रही हैं, वहीं अखिलेश यादव मायावती के पक्ष में बोलने से नहीं चूक रहे. इस बार लोकसभा चुनाव ने 2017 के विधानसभा चुनाव को भुला दिया है.
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है कि कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहां की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े. आर्थात् हमारा यहां बना गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन के लिये 7 सीटें छोड़ने का भ्रम ना फैलाये.
यह ट्वीट तब आया है जब मुलायम सिंह यादव द्वारा बसपा के लिए प्रचार करने की बातें सुर्खियां बनी हुई हैं. मायावती ने इस ट्वीट से अपनी तरफ से यह साफ़ कर दिया है कि अब वह किसी भी स्थिति में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं हैं. यह बात सामने आ रही थी कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की कुल लोकसभा सीटों में से सात सीटें गठबंधन के लिए छोड़ सकती है.
वहीं, इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में एसपी, बीएसपी और आरएलडी का गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है. कांग्रेस पार्टी किसी तरह का कन्फ़्यूज़न ना पैदा करे! इस ट्वीट से मतलब साफ है कि अखिलेश यादव भी किसी भी तरह की बातचीत नहीं चाहते हैं और यूपी लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को हिस्सा देने का उनका कोई इरादा नहीं है. इसलिए उन्होंने सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का निमंत्रण दिया है.