लखनऊ: दारुल उलूम नदवातुल उलमा के वाइस चांसलर मौलाना सैयद मोहम्मद हमजा हसनी नदवी के निधन के बाद से शोक की लहर है. राजनीतिक, समाजिक और धार्मिक क्षेत्र में शोक की लहर देखी जा रही है. मौलाना के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गहरा शोक जताया है.
दो महीने से थे बीमार
मौलाना हमजा करीब 2 महीने से बीमार चल रहे थे और उनके पेट में इंफेक्शन था. मौलाना का निधन शुक्रवार को हुआ था. मौलाना हमजा की उम्र करीब 71 वर्ष थी. वे नदवा में नाजिरे आम के पद पर नियुक्त हुए थे, फिर उन्हें साल 2018 में वाइस चांसलर बना दिया गया था.
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रायबरेली में हुए सुपुर्द-ए-खाक
मौलाना हमजा के पार्थिक शव को उनके पैतृक गांव रायबरेली के तकिया ले जाया गया. जहां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी ने फज्र की नमाज के बाद उनको दफन किया.
अखिलेश यादव ने व्यक्त की शोक संवेदना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौलाना सय्यद मोहम्मद हमजा के निधन पर शोक जताया है. अखिलेश यादन ने कहा कि मौलाना सय्यद मोहम्मद हमजा नदवी प्रतिष्ठित विद्वान, शिक्षाविद थे. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के भी सम्मानित सदस्य थे. उनके निधन से मुस्लिम शिक्षा जगत को भारी क्षति हुई है.
मौलाना हमजा का इतिहास
सैयद मोहम्मद हमजा हसनी नदवी 1974 से महिलाओं के लिए निकलने वाली मासिक मैगजीन अल रिजवान के संपादक रहे. 2005 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य नियुक्त हुए. 10 साल तक बोर्ड के सदस्य रहे. मौलाना ने कई किताबें भी लिखी हैं. मौलाना हमजा हसनी एक जमाने से दीनी, मिल्ली और समाजी कार्यों में लगे रहे.
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