लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की. साथ ही बिना वैक्सीनेशन कराए, परीक्षा कराने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर राज्य व्यापी डिजिटल धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार से मांग करते हुए सवाल पूछा कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मंत्री पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के बल पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साथ, अपने भाई अरुण द्विवेदी को सामान्य कोटे (ईडब्लूएस) के निर्धन आय वर्ग के पुराने प्रमाणपत्र के आधार पर, जिस तरह दूसरे अभ्यर्थी का अधिकार हड़पते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. उसके बाद भी उनके विरुद्ध कार्रवाई न होना इस सरकार द्वारा भ्रष्ट तत्वों को खुले आम संरक्षण दिया जाना साबित हो चुका है. बिना वैक्सीनेशन कराए छात्र, छात्राओं, अध्यापकों और परीक्षा स्टाफ के जीवन से खिलवाड़ करने की रणनीति पर चल रही योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों का कांग्रेस जनों ने विरोध किया. तत्काल सतीश द्विवेदी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और बिना वैक्सीनेशन परीक्षाएं न कराने की मांग करते हुए धरना दिया.
बेसिक शिक्षा मंत्री के भ्रष्टाचार की खोली पोल
लखनऊ में धरने का नेतृत्व करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ में डूबी हुई है. भ्रष्टाचार में रंगे हाथ पकड़ी गई है. सरकार के बेसिक शिक्षामंत्री सतीश द्विवेदी स्वयं और उनकी पत्नी दोनों की असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रहते 2016-17 में कुल आय 24 लाख रुपये से अधिक थी, जिसमें सतीश द्विवेदी की उस वर्ष आय 17 लाख रुपये से अधिक थी. 36 लाख की चल सम्पत्ति और 76 लाख अचल सम्पत्ति के मालिक थे. इन्होने 2017 के चुनाव में स्वयं पांच लाख रुपये प्रचार में खर्च करने की सशपथ घोषणा चुनाव आयोग में दी थी. 2021 में दबाव बनाकर 65 लाख रुपये मूल्य की जमीन 12 लाख रुपये में और दूसरी जमीन एक करोड़ 26 लाख रुपये मूल्य की 20 लाख रुपये में कौड़ियों के भाव खरीदने वाले मंत्री ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए राजस्थान की वनस्थली विद्यापीठ असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अपने भाई अरुण द्विवेदी को सामान्य वर्ग के निर्धन आय वर्ग के कोटे में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति कराई. वह पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग रहे, जो जांच का विषय था.