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2 एयरपोर्ट पूर्वी यूपी के विकास को देंगे डबल उड़ान, 7 साल में गोरखपुर और कुशीनगर से हवाई सेवा बड़ी सौगात - लखनऊ का समाचार

दो एयरपोर्ट पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को डबल उड़ान देंगे. सात साल में गोरखपुर और कुशीनगर से हवाई सेवा पूर्वांचल के लिए बड़ी सौगात है.

2 एयरपोर्ट पूर्वी यूपी के विकास को देंगे डबल उड़ान

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Published : Oct 26, 2021, 5:06 PM IST

लखनऊः कभी पिछड़े इलाके में शुमार रहे पूर्वांचल में केवल 50 किलोमीटर के फासले पर सात साल के भीतर दो-दो हवाई अड्डे से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा की सौगात पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए किसी सपने के साकार होने से कम नहीं है. दोनों हवाई अड्डे विकास को नई उड़ान तो देंगे ही साथ ही खराब मौसम में एक दूसरे का विकल्प भी बनेंगे.

सरकारी प्रवक्ता ने जारी बयान में कहा कि खराब मौसम में फ्लाइट कैंसिल होने की समस्या से यात्रियों को बहुत हद तक निजात मिलेगी. हालांकि घने कोहरे में निर्बाध फ्लाइट के लिए दोनों हवाई अड्डे को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. लेकिन भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से गोरखपुर हवाई अड्डे पर अक्सर खराब मौसम की मार यात्रियों पर फ्लाइट कैंसिल होने के रूप में देखनी पड़ती है.

सीएम योगी आदित्यनाथ

ऐसी स्थिति में कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का करीबी विकल्प मिलने से समय और पैसे की बचत भी होगी. कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निदेशक ए के द्विवेदी का भी कहना है कि दो एयरपोर्ट करीब होने से फ्लाइट कैंसिल होने की स्थिति में एक हवाई अड्डे का विकल्प मिलेगा. उनका कहना है कि गोरखपुर हवाई अड्डे पर कम दृश्यता में भी निर्बाध लैंडिंग और टेकआफ की सुविधा के उपकरण लग चुके हैं. कुशीनगर एयरपोर्ट पर भी आने वाले समय में ऐसी व्यवस्था होने के बाद फ्लाइट कैंसिल की समस्या से बहुत हद तक निजात मिल सकेगी.

7 साल में गोरखपुर और कुशीनगर से हवाई सेवा बड़ी सौगात

विदेशी पर्यटकों के साथ ही पश्चिमी बिहार, नेपाल सहित आसपास के लोगों को कुशीनगर से सीधी हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध कराएगा. भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली होने से कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की जरूरत दशकों से थी. कुशीनगर बौद्ध सर्किट का अहम पड़ाव होने से दुनिया भर के बौद्ध अनुयायी अपने जीवन में एक बार जरूर यहां आकर तथागत के दर्शन की इच्छा रखते हैं. लेकिन सीधी उड़ान न होने से नहीं आ पाते थे. लिहाजा दशकों से तथागत की परिनिर्वाण स्थली पर हवाई सेवा का अभाव खटकता था.

जबकि कसया में हवाई पट्टी अंग्रेजी हुकूमत में सामरिक और व्यापारिक जरूरतों के मद्देनजर द्वितीय विश्वयुद्ध (1942) के दौरान ही बनी थी. लेकिन आजादी के दशकों बाद भी कसया की हवाई पट्टी को हवाई अड्डे में तब्दील करने की किसी सरकार ने इच्छा शक्ति नहीं दिखायी. इतना ही नहीं गोरखपुर से हवाई सेवा भी 80 के दशक में बंद कर दी गयी.

जिसके बाद बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ के मैराथन प्रयास से गोरखपुर में हवाई सेवा बहाल हुई और उन्ही के अथक प्रयास से गोरखपुर हवाई अड्डे पर नया आधुनिक टर्मिनल भवन बना. आज कई शहर एयर कनेक्टिविटी से जुड़ते जा रहे हैं. मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद से जुड़ चुका है. शीघ्र ही गोवा की फ्लाइट शुरू होने से यात्रियों की राह और आसान हो जाएगी. गोरखपुर से अभी तक दिल्ली के लिए सर्वाधिक चार नियमित उड़ाने भी यात्रियों की तादाद के आगे कभी-कभी सीटें कम पड़ जाती हैं.

कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने से रोजगार के नये-नये अवसर सृजित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का द्वार खोलेगा और पांच करोड़ रोजगार के अवसर सृजित होंगे. नये-नये उद्योगों के रास्ते खुलेंगे.

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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुलने से आने वाले समय में थाइलैंड की राजधानी बैंकाक और खाड़ी के देशों में रोजी-रोटी के लिए गये मजदूरों की राह आसान हो जाएगी. अभी तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग कोलकाता से बैंकाक और अरब देशों की फ्लाइट लखनऊ या दिल्ली से पकड़ते हैं. कुशीनगर से फ्लाइट सेवा शुरू होने पर उनका पैसा और समय दोनों की बचत होगी. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने से रात में भी फ्लाइट की सुविधा आगामी कुछ महीने में उपलब्ध होगी. गोरखपुर से अभी तक शाम तक ही घरेलू उड़ान की सुविधा उपलब्ध है.

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