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वायू प्रदूषण में टॉप पर गाजियाबाद जिला, लखनऊ के इंडस्ट्रियल क्षेत्रों का बुरा हाल

उत्तर प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार हो गया है. वायु प्रदूषण में गाजियाबाद जिला टाॅप पर है. यहां का एक्यूआई 412 नोट किया गया है. इसके अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, लखनऊ समेत कई जिलों का एक्यूआई खतरानाक स्तर पर पहुंच गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 1:45 PM IST

लखनऊ : यूपी प्रदेश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. सर्दियों के शुरुआत होते ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार हो गया है. धुंध के साथ प्रदूषण ने हवा को भी दूषित करना शुरू कर दिया है. प्रदूषण स्तर में टॉप 10 जिलों में सबसे पहले गाजियाबाद का एक्यूआई 412 है. नोएडा का एक्यूआई 402, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400, मेरठ का एक्यूआई 372, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 321, लखनऊ का एक्यूआई 259, गोरखपुर का एक्यूआई 221, वृंदावन का एक्यूआई 209, प्रयागराज का एक्यूआई 186 और प्रतापगढ़ का एक्यूआई 174 है.

लखनऊ में वायु प्रदूषण.

इंडस्ट्रियल एरिया का बुरा हाल :बीते रविवार को राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 84 एक्यूआई था, लेकिन एक दिन में 274 एक्यूआई पहुंच गया. सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर 259 था. बीते 2 नवंबर को 162 प्रदूषण स्तर था. 3 नवंबर को 174 एक्यूआई, 4 नवंबर को 186 एक्यूआई, 5 नवंबर को 274 एक्यूआई और सोमवार सुबह 256 प्रदूषण स्तर रहा. सबसे बुरा हाल शहर के इंडस्ट्रियल एरिया का हाल है. ताल कटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 372 यानी बेहद खराब श्रेणी में है. कुकरैल और अंबेडकर नगर विवि का एक्यूआई 312, अलीगंज का एक्यूआई 286 और गोमतीनगर का एक्यूआई 218 दर्ज हुआ.

लखनऊ में वायु प्रदूषण.
वायु प्रदूषण के मानक.

सर्दियों की शुरुआत में ही बढ़ा एयर क्वालिटी इंडेक्स :लखनऊ में अक्टूबर के महीने से एयर क्वालिटी इंडेक्स तेजी से बढ़ रहा था. दीपावाली के बाद प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा खराब हो जाता है. राजधानी लखनऊ में दो फ्लावर मुंशी पुलिया और सेक्टर 25 में बन रहा है. जिसके चलते आस-पड़ोस के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है. वर्तमान में राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स तेजी से बढ़ा है. जहां बीते महीने में शहर का एक्यूआई 75 या 85 हुआ करता था. वहीं, अब प्रदूषण स्तर 150 के पार हो चुका है.

वायु प्रदूषण के आंकड़े.



सिविल अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अख्तर ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में वायु प्रदूषण से प्रभावित मरीज अस्पताल की ओपीडी में अधिक आ रहे हैं. इस समय वायु प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या अस्पताल की ओपीडी में अधिक है ज्यादा तो जो मरीज आ रहे हैं उनकी आंखों में इंफेक्शन है जो कि प्रदूषण के कारण हुआ है. इसलिए जब भी बाहर निकलें तो चश्मे का इस्तेमाल जरूर करें. इस समय अस्पताल की ओपीडी में लगभग 200 मरीज आ रहे हैं जबकि पहले इससे कम ही मरीज वायु प्रदूषण के कारण आंखों में समस्या के साथ आते थे.

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