लखनऊ: बीते दिनों बारिश होने के बाद प्रदूषण स्तर काफी नियंत्रित तो हुआ है. लेकिन, इन दिनों चार जिलों गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और ग्रेटर नोएडा की आबोहवा बेहद खराब है. प्रदेश के बाकी जिलों का प्रदूषण स्तर बहुत अधिक नहीं बढ़ा है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला के मुताबिक, इस बार पिछली वर्ष की तुलना में कम ही लोगों ने पटाखे जलाए हैं. इसके अलावा बीते शुक्रवार और शनिवार को बारिश होने के चलते भी प्रदूषण स्तर में काफी गिरावट दर्ज हुई थी. हालांकि, उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और नोएडा का एक्यूआई 300 के पार ही है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की आज शाम सात बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजियाबाद और नोएडा का एक्यूआई 355, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 341, मेरठ का एक्यूआई 338, प्रयागराज का एक्यूआई 228, मुरादाबाद का एक्यूआई 218, लखनऊ का एक्यूआई 212, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 198, झांसी का एक्यूआई 191, वृंदावन का एक्यूआई 185, गोरखपुर का एक्यूआई 177, बरेली का एक्यूआई 174, कानपुर का एक्यूआई 171, आगरा का एक्यूआई 164, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 146, फिरोजाबाद का एक्यूआई 119 और वाराणसी का एक्यूआई 76 अंक दर्ज हुआ.
क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ला ने कहा कि इधर प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ा है. प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार काम कर रहा है. जिस वक्त राजधानी लखनऊ समेत बाकी जिलों का प्रदूषण स्तर 80 अंक से नीचे था, उस समय से ही प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए तमाम कार्यक्रम किए जा रहे थे. इस समय लखनऊ का प्रदूषण स्तर 250 अंक के पार हो चुका है. ऐसे में बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. अनावश्यक वाहन न चलाएं. दिवाली में दिए के संग त्योहार मनाएं. सर्दियों में हर साल ऐसे ही प्रदूषण स्तर बढ़ता है. इस मौसम में स्वास्थ्य के प्रति भी लोग जागरूक रहें.
लखनऊ के इंडस्ट्रियल एरिया का प्रदूषण स्तर 200 के पार है. तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 268, लालबाग का एक्यूआई 272, गोमती नगर का एक्यूआई 209, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय क्षेत्र का एक्यूआई 201, केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र का एक्यूआई 198 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 167 अंक दर्ज हुआ है.