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मुस्लिम देशों से PFI के लिए फंड जुटाने वाला अहमद बेग गिरफ्तार - Fund for PFI

मुस्लिम देशों से पीएफआई के लिए फंड जुटाने वाले अहमद बेग (Ahmed Baig arrest) को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के मदेयगंज से गिरफ्तार किया है.

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अहमद बेग

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Published : Sep 23, 2022, 10:25 PM IST

लखनऊ: टेरर फंडिंग व ट्रेनिग कैम्प के मामले में लखनऊ से बड़ी गिरफ्तारी हुई है. यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को मुस्लिम देशों से पीएफआई के लिए फंड जुटाने वाले अहमद बेग (Ahmed Baig arrest ) को राजधानी के मदेयगंज से गिरफ्तार किया है. अहमद बेग वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में एसडीपीआई, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट से कैसरगंज विधानसभा से चुनाव भी लड़ा चुका है.

सूत्रों के मुताबिक, अहमद बेग हिंसक और आपराधिक गतिविधियों में शामिल था. उसने एनआरसी-सीएए के प्रदर्शन के दौरान भी जमकर बवाल और हिंसा कराई थी. इसके अलावा वह लव जिहाद, जबरन धर्मांतरण, मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और मनी लांड्रिंग के साथ ही प्रतिबंधित समूहों से संपर्क में रहता था. इतना ही नहीं वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, केरल और ओमान तक तकरीर करने जाता था.

मूल रूप से श्रावस्ती बसनपुर के हरवंशपुर के रहने वाले अहमद ने नदवा से आलीम और फाजिल की पढ़ाई की और इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए किया. इसने मास्टर डिग्री अरबी में की थी. 2018 तक अहमद ने नदवा में पढ़ाया भी था. आरोप है कि अहमद बेग धार्मिक कट्टरता की पाठशाला चलाता था. अहमद बेग नदवी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का सदस्य रहा है और पीएफआई के लिए मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर यूट्यूब पर लोगों को बरगला रहा था. अहमद 2047 में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की मुहिम चला रहा था.

PFI के अहमद, नदीम और कमरुद्दीन न्यायिक हिरासत में

एडीजे अनुरोध मिश्र ने भारत को खंडित कर इस्लामिक मुल्क बनाने की साजिश रचने आदि के मामले में गिरफ्तार पीएफआई सदस्य और मुल्जिम मो. अहमद बेग, मो. नदीम अंसारी उर्फ मुन्ना व मो. कमरुद्दीन उर्फ बबलू को 6 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. शुक्रवार को नदीम व कमरुद्दीन को बाराबंकी के थाना कुर्सी इलाके से गिरफ्तार किया था.

अभियोजन के मुताबिक मुल्जिम मो. अहमद बेग मूल रुप से श्रावस्ती का रहने वाला है. यह कैसरगंज विधान सभा से पीएफआई की राजनैतिक पार्टी एसडीपीआई से चुनाव भी लड़ चुका है. वर्ष 2022 के इस चुनाव में पीएफआई के अधिकारियों ने इसकी आर्थिक मदद की थी. यह आल इंडिया उलेमा काउसिंल का अध्यक्ष भी है. पीएफआई को मजूबत करने के लिए दो बार ओमान की यात्रा कर चुका है.

बाराबंकी निवासी मुल्जिम नदीम व बहराइच निवासी मुल्जिम कमरुद्दीन पीएफआई के राज्य संयोजक वसीम अहमद की अगुवाई में वर्ष 2047 तक हिन्दुस्तान को गजवा-ए-हिंद बनाने की दिशा में काम करते हैं. इसके लिए मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ाने व राजनैतिक शक्ति बनने का एंजेडा चलाते हैं. मुस्लिमों की धार्मिक भावना भड़काकर हिन्दुओं को काफिर बताते हैं. उन्हें कट्टरता के साथ हिन्दुओं को क्षति पहुंचाने के लिए उकसाते हैं. यह पीएफआई की आड़ में जगह-जगह मुस्लिमों को एकत्र कर ऐसा साहित्य मुहैया कराते हैं, जिससे उन्हें भारतीय हिन्दुओं से घृणा हो जाए. इन्हें इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी का पूर्ण समर्थन प्राप्त है. इनके पास से गजवा-ए-हिंद से संबधित उर्दू व अरबी में कुछ साहित्य व पम्पलेट आदि भी बरामद हुए हैं. नदीम ने केरल के मंजीरी में पीएफआई का प्रशिक्षण कैंप भी ज्वाइन किया था. इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत भी एफआईआर दर्ज की गई थी.

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